कुशीनगरः जनपद मेंपरिसीमन के बाद पडरौना नगर पालिका परिषद में एक भी वार्ड मुस्लिम महापुरुषों के नाम नहीं रखा गया है. इसपर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई है. मामले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री को संबोधित अपर जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें देश पर बलिदान देने वालों की उपेक्षा कर उनका अपमान न करने का अनुरोध किया गया है.
जनपद के पडरौना नगर पालिका परिषद के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने आज गुरुवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर अपर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में पडरौना नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार के बाद वार्डों का नये सिरे से नामकरण में मुस्लिम समाज के महापुरुषों की उपेक्षा की गयी है. उन्होंने ज्ञापन में कहा कि देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने में मुस्लिम समुदाय के लोग भी पीछे नहीं रहे हैं. हिन्दू -मुस्लिम दोनों समाज के लोगों के बलिदान के बाद ही देश को आजादी मिली है.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कहा कि अशफाक उल्लाह खान, डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, वीर अब्दुल हमीद, बहादुर शाह जफर, रफी अहमद किदवई, बेगम हजरत महल, डॉ सय्यद महमूद आदि ऐसे महापुरुष व क्रांतिकारी हैं. जिनकी कुर्बानी को देश कभी नहीं भूल सकता है. लोगों ने वीर अब्दुल हमीद नगर व अहमद किदवई नगर के नाम से नगर के दो वार्डों के नाम रखे थे. लेकिन इस बार नये परिसीमन से इन वार्डो के नामों को हटा दिया गया है. जिससे मुस्लिम समाज को काफी आघात पहुचा है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वार्डो में आबादी के हिसाब से मुस्लिम समाज के महापुरुषों व क्रांतिकारियों का नाम रखने की मांग की है.
उन्होंने यह भी कहा कि देश की आजादी में दलित समाज के लोगों की भी भूमिका रही है. आबादी के हिसाब से उनके समाज के महापुरुषों को भी सम्मान दिया जाना चाहिए. जिससे समाज में आपसी सद्भाव व भाईचारे का मिसाल कायम रहे. अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वालों में रेयाज अहमद खान, मैमुद्दीन खान, वकील अहमद, कल्लू खान, मैनुद्दीन सिद्दीकी, कैंसर जमाल टीटू, इरफान खान, जहीरुद्दीन, सलमान अली, हैदर अली राइनी, साबिर अली, कल्लू खान, मजीद अली, निसार खान आदि लोग मौजूद रहे.