भारत के विभाजन में महात्मा गांधी का रोल नहीं था: बालमुकुन्द
यूपी के कुशीनगर में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना से जुड़े विषय को लेकर तमकुहीरोड स्थित किसान डिग्री कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वहीं अखिल भारतीय इतिहास संकलन परिषद के अध्यक्ष बालमुकुन्द ने बताया कि भारत के विभाजन में गांधी जी की कोई भूमिका नहीं थी.
राष्ट्रीय विचार संगोष्ठी
कुशीनगरः जिले के तमकुहीरोड स्थित किसान डिग्री कॉलेज में शुक्रवार को महात्मा गांधी के विचारों से जुड़े विषय पर राष्ट्रीय विचार संगोष्ठी का आयोज किया गया. विचार गोष्ठी में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई इतिहास के जानकारों ने हिस्सा लिया. संगोष्ठी का आयोजन दिनकर विचार मंच की तरफ से किया गया था.
दिनकर विचार मंच की ओर से आयोजित इस संगोष्ठी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने गांधी के विचारों से अपने को जोड़ते हुए कहा कि उनके विचारों को आज भी आत्मसात करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा की राह पर चलकर लगातार अपना संघर्ष जारी रखा और देश को गुलाम बनाकर रखने वाले अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा.
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महात्मा गांधी के सपनों को जमीन पर उतारने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ग्राम की संकल्पना के बिना प्रदेश और देश आगे नहीं बढ़ सकता. दो दिन पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथू राम गोडसे को राष्ट्रवादी कहे जाने के बाद आज पार्टी नेताओं द्वारा गांधी के विचारों के अतिरिक्त कुछ नहीं बोला गया.