कुशीनगरःबदलते मौसम और आम लोगों की जरूरत को देखते हुए किसानों को अपनी फसल का उत्पादन करना होगा तभी हम खेती से लाभ उठा पाएंगे. अपने गृह जनपद आए कृषि व पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. राणा प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह बात कही. बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में कार्यरत प्रोफेसर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में किसानों और उनसे जुड़े विषयों को लेकर हलचल है. यह एक अच्छा संकेत है.
खेती में बदलाव आज समय की सबसे बड़ी मांगः कृषि वैज्ञानिक - agricultural scientist on etv bharat
अपने गृह जनपद कुशीनगर पहुंचे कृषि व पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. राणा प्रताप सिंह ने किसानों के मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के संबंध में कई बातें साझा की. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि वह किसानों की आय बढ़ाने के विषय में सोचते हैं, लेकिन यह तत्काल संभव नहीं है. इसके लिए हमे पहल करने की जरूरत है.
'किसानों के हित में सोचते हैं प्रधानमंत्री'
कृषि व पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसलों की आय दोगुनी करने के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन यह तत्काल नहीं होने वाला. उन्होंने बताया मौसम का विपरीत होना, बारिश का समय और उसकी तीव्रता जैसे खास कारण हैं. जो किसानों को सीधे प्रभावित कर देते हैं.
'किसानों के बीच भेड़चाल'
प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि आज किसानों के बीच भेड़चाल बहुत है. एक ही चीज बहुत लोग लगा देते हैं, जिस कारण उसका दाम गिर जाता है. किसान ऐसे चीज बोएं, जिसकी उपज कम और खपत अधिक हो. उन्होंने बताया व्यापारिक समझ के साथ खेती करने की आवश्यकता है. तभी मनचाहा लाभ प्राप्त हो सकेगा. वर्तमान समय में ऐसे बहुत सारे उत्पाद हमारे बीच आ गए हैं.
'किसानों तक योजनाओं का पहुंचना बेहद आवश्यक'
सरकार की योजना किसानों तक नहीं पहुंचने से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए राणा प्रताप सिंह ने कहा कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अक्षमता दोनों ही एक बड़ा व्यवधान है. सरकारी तंत्र अपनी असफलताओं को सामने नहीं लाता है. यही मूल कारण है कि विकास हम सभी को नहीं दिखता. निगरानी के लिए थर्ड पार्टी एजेंसी की व्यवस्था की बात को रखते हुए कृषि व पर्यावरण विशेषज्ञ ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के तहत निगरानी और पुनः निगरानी की प्रक्रिया से गुजरना होगा. तभी कृषि क्षेत्र में विकास और बदलाव दोनों दिखेगा.
'ऑर्गेनिक खेती समय की मांग'
प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान में आर्गेनिक खेती की बहुत ही आवश्यकता है. क्योंकि खाने-पीने के चीजों के साथ हवा तक जहरीली हो चुकी है. कृषि की लागत काफी बढ़ गयी है. उन्होंने जनता के बीच से कुछ जागरूक और प्रगतिशील किसानों को आगे आकर एक मंच बनाने की जरूरत पर बल दिया. राणा प्रताप सिंह के मुताबिक सिर्फ सरकारी एजेंसियों के भरोसे बैठे रहना ठीक नही है.