कुशीनगर:जिले का नारायणपुर गांव साल 1980 में पुलिस बर्बरता को लेकर चर्चा में आया था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बच्ची को गोद लिया था. आज उसी बेटी की बदहाल हालत इन दिनों चर्चा में है. एक स्थानीय समाचार पत्र द्वारा बदहाल परिवार का हाल प्रकाशित किए जाने के बाद प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचे जिलाधिकारी ने परिवार का कुशलक्षेम जाना.
कुशीनगर: इंदिरा गांधी की गोद ली हुई बच्ची के सहयोग में उतरा प्रशासन - कुशीनगर में इंदिरा गांधी ने गोद ली बेटी
यूपी के कुशीनगर जिले में इंदिरा गांधी द्वारा गोद ली गई बेटी की हालत इन दिनों बदतर है. वहीं मीडिया के दखल के बाद पूरा प्रशासनिक अमला इस बेटी की हरसंभव मदद के लिए खड़ा दिखाई दे रहा है.
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....जब चर्चा में आया नरायनपुर गांव
जानकारी के मुताबिक साल 1980 में कप्तानगंज थाना क्षेत्र स्थित नरायनपुर गांव के सामने निकल रहे मार्ग पर एक वाहन ने महिला को कुचल दिया था. इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क को जामकर मुआवजे की मांग रखी थी. पुलिस ने बल प्रयोग कर हटाना चाहा तो जनता ने अपने तरीकों से उसका कड़ा प्रतिरोध किया था. इसके बाद पूरी रात गांव में पुलिस पर नग्न तांडव किए जाने का आरोप लगा था.
तत्कालीन प्रदेश सरकार हुई थी बर्खास्त
घटना के वक्त उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार थी. घटनाक्रम पर बढ़े जनाक्रोश को भुनाने के चक्कर में केन्द्र की सरकार ने प्रदेश सरकार को भंग कर दिया था. इसके साथ ही घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी खुद ही नरायनपुर दौरे पर आईं थीं.
इंदिरा गांधी ने बच्ची को लिया था गोद
गांव के लोग बताते हैं कि 11 जनवरी 1980 को हुई मार्ग दुर्घटना में जिस बसरकलिया नाम की महिला की मौत हुई थी, उसकी नाबालिग बेटी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तीन दिन बाद यानी 14 जनवरी को अपने दौरे के समय बच्ची को गोद में उठाया था. साथ ही उसके लालन-पालन का जिम्मा लेने की सार्वजनिक घोषणा भी की थी. वहीं राजनीतिक माहौल में समय के साथ बहुत कुछ बदला, लेकिन इस परिवार या गांव की दशा नहीं बदली.
मीडिया की खबर से जागा प्रशासन
बीते दिनों एक स्थानीय अखबार ने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी द्वारा गोद ली गई बेटी के बदहाल जीवन से जुड़ी खबर को उठाया तो जिलाधिकारी समेत पूरा प्रशासनिक अमला नरायनपुर गांव की ओर दौड़ पड़ा. अधिकारियों ने सरकारी योजनाओं के माध्यम से परिवार को लाभान्वित करने का प्रयास शुरू कर दिया है.
प्रशासन ने जारी किया प्रेस नोट
सूचना विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट में नरायनपुर के उक्त पीड़ित परिवार का जिक्र करते हुए सभी सरकारी सहायता से लाभान्वित करने की बात कही गई है. जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे.