कौशांबी:लॉकडाउन के चलते लोगों में हताशा और निराशा का माहौल है. हालांकि कुछ लोगों के लिए यह एक यादगार और खुशी भरा दिन साबित हो रहा है. ऐसा ही एक मामला कौशांबी जिले में देखने को मिला, जहां 11 साल पहले विधवा हुई एक महिला की लॉकडाउन में दोबारा शादी हुई.
युवक ने विधवा से शादी कर समाज को दिया संदेश. हालांकि शादी पहले ही तय हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इनको मंदिर के बाहर एक पेड़ के नीचे गंधर्व विवाह करना पड़ा. बाद में पुजारी ने मंदिर के कपाट खोल दिए, जिसके बाद देवी मां को साक्षी मानकर दोनों शादी के बंधन में बंध गए.
दरअसल, सिराथू तहसील के शमशाबाद की रहने वाली सीता देवी के पति रामचंद्र की मौत बीमारी के चलते 11 साल पहले हो गई थी. उनके दो बच्चे 13 साल की लड़की दिव्या और 11 साल का लड़का हर्षित है. पति की मौत के बाद सीता की जिंदगी बदरंग हो गई थी. इधर लॉकडाउन के चलते रामजी नाम के एक युवक जो बर्तन की दुकान चलाते हैं, दुकान बंद होने के कारण वह भी घर पर ही रहते थे.
एक-दूसरे को वरमाला पहनाते दूल्हा और दुल्हन. पड़ोस में रहने वाली सीता की बदरंग जिंदगी देखकर रामजी ने अपने से ज्यादा उम्र की सीता से शादी कर उसकी जिंदगी में दोबारा खुशियां लौटने की ठान लिया. उन्होंने सीता के परिवार से बात की तो वह राजी हो गए. यह शादी 9 मई को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार से धूमधाम से होनी थी, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने के कारण वह मंझनपुर स्थित दुर्गा मंदिर में विवाह की रस्में अदा करने के लिए आए.
युवक ने मंदिर में लिए सात फेरे. हालांकि लॉकडाउन के चलते मंदिर भी बंद था, इसलिए वह मंदिर के सामने पीपल के पेड़ के नीचे शादी रचाने लगे. तभी मंदिर के पुजारी की नजर उन पर पड़ी. पुजारी ने इन दोनों का विवाह होता देख मंदिर के कपाट खोल दिए.
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दोनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मां दुर्गा देवी के सामने एक-दूसरे को माला पहनाकर शादी की रस्में अदा की और एक-दूसरे के जीवन साथी बन गए. युवक ने विधवा महिला से शादी कर समाज को एक नया संदेश दिया है कि विधवा महिलाओं को भी दोबारा रंग भरी जिंदगी जीने का अधिकार होता है.