कौशाम्बीः पिता-पुत्र के दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है. पुलिस ने पिता-पुत्र की हत्या के जुर्म में मृतक की पत्नी समेत चार लोग को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक पत्नी अपने जीजा और बहन के साथ मिलाकर घर में तंत्र-मंत्र कराया करती थी. घटना वाले दिन भी मृतक की पत्नी के जीजा ने पहले मासूम की नर बलि दी और फिर पत्नी ने पति की हत्या कर दी. पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कार दिया जाएगा.
पुलिस ने 24 घंटे के अंदर किया घटना का खुलासा. भूत को बाहर निकालना चाहती थी पत्नी
घटना पिपरी थाना क्षेत्र के चायल कस्बे की है. जहां चायल कस्बे के रहने वाले मृतक नौशे उर्फ वकील की पत्नी गुलनाज अपने बहनोई बबलू (जो कि तांत्रिक का काम करता है) के साथ मिलकर अक्सर बीमार रहने वाले पति व मासूम बच्चे के अंदर मौजूद भूत-प्रेत के बाहर निकालना चाहती थी. इसके लिए नौशे और गुलनाज ने साढू सफदर अली उर्फ बबलू को वारदात के चार दिन पहले ही घर में बुला लिया था.
जुम्मेरात का दिन किया निर्धारित
झाड़-फूंक करने वाले सफदर अली अपने साथ पत्नी और बेटे को भी लाया था. उसने चार दिनों तक किसी को भी कुछ खाने नहीं दिया. झाड़-फूंक के लिए उपयुक्त दिन जुम्मेरत यानी गुरुवार रखा. जुम्मेरात के दिन उसने पहले मासूम अरहाम की नरबलि देकर उसे जिंदा करने का दावा किया. फिर गुलनाज से नौशे के पेट के अंदर मौजूद शैतान को बाहर निकालने के लिए कहा. पत्नी ने मृतक नौशे के मलद्वार में हाथ डालकर उसकी आंते बाहर निकाल ली, जिससे नौशे की मौके पर ही मौत हो गई. तांत्रिक ने पति और बेटे के दोबारा जिंदा नहीं कर पाने पर बदहवास गुलनाज पड़ोसियों को रात में ही बुलाने गई. घबराए तांत्रिक सफदर अली, उसकी पत्नी और बेटा मौके से फरार हो गए.
पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार
पुलिस ने पिता और बेटे की तंत्र-मंत्र के चलते हत्या करने के जुर्म में मृतक की पत्नी गुलनाज, जीजा सफदर अली उर्फ बबलू, बहन नूरी और उसके पुत्र अनस को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
रुक सकती थी वारदात
तंत्र-मंत्र की करने की विधि चार दिन से चल रही थी. इस पूरे मामले की जानकारी आस-पड़ोस के लोगों को भी थी लेकिन किसी ने भी पुलिस से बताने की जहमत नहीं उठाई. यदि पड़ोसियों ने समय रहते ही पुलिस को सूचना दी होती तो यह घटना रोकी जा सकती थी. किसी ने भी पुलिस को सूचना देना उचित नहीं समझा.