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कौशांबीः महिला किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, पानी की है बड़ी समस्या - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी के कौशांबी जिले की महिला किसानों को सरकारी योजनाओं से मोहताज रहना पड़ रहा है. सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन किसी भी योजना का लाभ जिले की महिला किसान को नहीं मिल रहा.

महिला किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ.

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Published : Sep 10, 2019, 8:17 PM IST

कौशांबीः सरकार ने महिला किसानों की भागेदारी को बढ़ता देख महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना लागू की. इसमें दावा किया जा रहा है कि 24 राज्य की महिला किसानों ने हिस्सा लिया है. साथ ही सरकार ने 84 नई योजनाओं की मंजूरी भी दी है, लेकिन इन परियोजनाओं का कोई भी असर कौशांबी की महिला किसानों में देखने को नहीं मिल रहा. जिले की महिला किसान आज भी समस्याओं से जूझ रही हैं. महिला किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या खेतों में पानी को लेकर है.

महिला किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ.

पति की मौत के बाद संभाल रहीं घर और खेती

जिले के मंझनपुर तहसील के मेड़ीपुर गांव की रहने शोभा देवी के पति नथन की मौत शादी के तीन साल बाद ही मौत हो गई. पति की मौत के बाद उनके सामने सबसे बड़ा संकट था अपना और अपने 6 माह के बेटे गोवर्धन के पालन पोषण का. पति की मौत के बाद खुद खेती करना शुरू किया. खेती करके अपना और अपने बेटे का पालन पोषण किया और बेटे को दसवीं तक पढ़ाया.

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दसवीं के बाद बेटे को भेजा कमाने

उनका कहना है कि सरकार की तरफ से आज तक उन्हें कोई भी मदद नहीं मिली. न ही उन्हें कोई भी पेंशन मिल रही है. इस महंगाई के दौर में खेती से बमुश्किल खर्च चला रहा है. इसीलिए वह अपने बेटे को दसवीं की पढ़ाई कराने के बाद गुजरात कमाने भेज दिया. जिले में शोभा ही एक ऐसी महिला किसान नहीं हैं. ऐसी कई महिला किसान हैं जिनको सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिल रही है.

नहरों में नहीं है पानी

महिला किसान ने बताया कि खेती करने में सबसे बड़ी समस्या पानी को लेकर आती है. नहरों में पानी नहीं होने से निजी नलकूपों से सिंचाई करनी पड़ती है, जो महंगा पड़ता है. कभी-कभी रात को भी पानी लगाना पड़ता है. तब महिला किसानों को सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा रहता है. ऐसे में कई बार वह रात में पानी नहीं लगा पाती. जिससे खेती सूख जाती है.

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