कौशांबी: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी है. पांच साल बीत जाने के बाद भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. कौशांबी जिले की अगर बात की जाए तो यह जिला प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार है. जिले में बिजली पानी और सड़क के अलावा रोजगार की समस्या सबसे प्रमुख है. इस दौरान जिला पंचायत द्वारा कई क्षेत्रों में विकास कार्य करवाए गए हैं, लेकिन बीते पांच साल बेहद उठापटक वाला रहा है. इन पांच सालों में तीन निर्वाचित अध्यक्षों के साथ ही तीन प्रशासकों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में काम किया. विकास कार्यों के दृष्टि से देखें तो अध्यक्षा अवध रानी ने सबसे अधिक विकास कार्य का संचालन किया, लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे गांव हैं, जिन्हें आज भी सड़क और पानी जैसी मूल सुविधाओं का इंतजार है. पेश है ईटीवी भारत की एक विशेष रिपोर्ट...
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले मंझनपुर तहसील के रहीमपुर मौलानी पहुंची, जहां विकास कार्य के नाम पर केवल रुपयों का बंदरबांट किया गया है. ग्रामीणों की मानें तो इस गांव में ग्राम पंचायत और जिला पंचायत ने कोई भी विकास कार्य नही कराया है. इस गांव की गलियां आज भी गंदे नालों के पानी से भरी हुई हैं. इस गलियों से आने जाने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. गांव की ही ताराबानो के मुताबिक यहां कोई भी साफ सफाई की व्यवस्था नहीं कराई जा रही है, जिसके कारण गंदी नालियों का पानी सड़कों में भर जाता है. आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हिसामपुर परसखी के रहने वाले नीरज सिंह के मुताबिक जिला पंचायत का पांच सालों का कार्यकाल बेहद उठापटक वाला रहा है. इस दौरान यहां पास तीन निर्वाचित अध्यक्ष के साथ ही तीन बार प्रशासक अध्यक्ष के रूप में काम किया. नीरज सिंह के मुताबिक यदि तीनों अध्यक्ष के कामों में बात की जाए तो सबसे ज्यादा अवध रानी ने काम किया है. उन्होंने सड़क और बिजली पर विशेष ध्यान दिया है.
वहीं भरसवा गांव के रहने वाले आशीष मिश्रा के मुताबिक ग्रामीणों को यही नहीं मालूम कि जिला पंचायत में क्या-क्या विकास कार्य कराए गए हैं, क्योंकि आज तक जिला पंचायत सदस्य ने उनके गांव या आस पास के क्षेत्रों में कोई भी काम नहीं कराया है.
मवई केवट गांव के रहने वाले मुनौवार हुसैन के मुताबिक उनके गांव की सड़कें 20 साल पहले जिला पंचायत द्वारा बनाई गई थी, लेकिन तब के बाद से आज तक इस सड़क के मरम्मतीकरण न होने से सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिसके कारण आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
कौशांबी जिले पर एक नजर