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कौशाम्बी: रोही पुल की जांच करने पहुंची छह सदस्यीय टीम, जल्द देगी रिपोर्ट

जिले के रोही रेलवे ओवर ब्रिज का स्लैप कंक्रीट का बड़ा हिस्सा तीन जून को टूट कर गिर गया था.अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुल की गुणवत्ता की जांच कर नौ जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

रोही ब्रिज की जांच करने पहुंची इंजीनियरों की टीम.

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Published : Jun 7, 2019, 2:49 PM IST

कौशाम्बी: जिले में राम पथगमन मार्ग पर बने रोही रेलवे ओवर ब्रिज की कंक्रीट टूटने की जांच शुरू हो गई है. महाप्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ संजय तिवारी अपनी छह सदस्यीय इंजीनियरों की टीम के साथ शुक्रवार को रोही पुल पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले पुल की डिजाइन को देखा और फिर कंक्रीट के मिश्रण के कुछ हिस्से को लैब टेस्ट के लिए भेज दिया.

रोही ब्रिज की जांच करने पहुंची इंजीनियरों की टीम.

क्यों शुरू हुई जांच

  • तीन जून की दोपहर को अचानक रोही रेलवे ओवर ब्रिज का स्लैप कंक्रीट का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया.
  • कई घंटे तक वाहनों का आवागमन जारी रहा.
  • जानकारी मिलने के बाद अधिकारियो ने पुल का एक तरफ का यातायात रोककर सेतु निर्माण निगम के इंजीनियरों को जांच की जिम्मेवारी दी.
  • पुल के कंक्रीट गिरने की जानकारी मिलते ही विधायक चायल संजय गुप्ता ने इसकी शिकायत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से की.
  • लोक निर्माण विभाग मंत्री केशव मौर्य ने हाई पावर मीटिंग बुलाकर पुल की गुणवत्ता की जांच करने का आदेश जारी किया और अफसरों को 9 जून को रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया.

जांच के जो बिंदु हैं, उसमें प्रत्येक सौ-सौ मीटर की दूरी पर कंक्रीट की क्या स्टंट है, क्वालिटी क्या है, होमोडिटी क्या है, उसे चेक किया जाएगा. पुल में जो सरिया प्रयोग किया गया है, वह कितने डाया का है. सरिया का प्रयोग कितनी दूरी पर किया गया है. इन सभी बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है. प्रत्येक सौ-सौ मीटर की दूरी पर इसकी जांच की जाएगी. जांच पूरी करने के बाद ही स्पष्ट रूप से बताया जा सकता है कि इसमें क्या गड़बड़ी हुई है.
-संजय तिवारी, महाप्रबंधक, गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ, यूपी

लगभग दो घण्टे चली जांच में अधिकारियो ने सेतु निर्माण निगम के सीपीएम, डीपीएम, जेई से बात चीत कर ब्रिज के कंक्रीट गिरने के कारणों को जानने की कोशिश की. जांच के दौरान इंजीनियरों की टीम ने अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए ब्रिज के 100-100 मीटर की दूरी पर ब्रिज के सस्पेंशन की जांच की.

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