कौशाम्बी:जनपद में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिला अस्पताल में पैर टूटने का इलाज कराने के लिए भर्ती हुए मरीज का सरकारी डॉक्टर ने चंद पैसों के लालच में पास के निजी अस्पताल में ले जाकर ऑपरेशन कर दिया. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब ऑपरेशन के बाद मरीज को उसके परिजन बगैर स्ट्रेचर के दोबारा जिला अस्पताल में शिफ्ट करने ला रहे थे.
जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही आई सामने. यह है पूरा मामला
सराय अकिल थाना क्षेत्र के मोहम्मदाबाद गांव का रहने वाला इंद्रपाल खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. 11 मार्च को उसका 10 वर्षीय बेटा धर्मेंद्र छत से खेलते हुए गिर गया था, जिसके कारण उसके पैर की हड्डी टूट गई. परिजनों ने धर्मेंद्र को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कौशिक ने धर्मेंद्र के पैर के ऑपरेशन की बात कही.
निजी अस्पताल में किया ऑपरेशन
डॉक्टर ने जिला अस्पताल में ऑपरेशन इंस्ट्रूमेंट (उपकरण) न होने की बात कही और धर्मेंद्र को नजदीक के लवकुश हॉस्पिटल में ले जाने को कहा. इसके एवज में डॉक्टर साहब ने परिजनों से रुपये भी जमा कराए. डॉक्टर ने शनिवार को चुपके से जिला अस्पताल में भर्ती धर्मेंद्र को लवकुश हॉस्पिटल शिफ्ट किया. इसके बाद वहीं पर उसके पैर का ऑपरेशन किया.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने पुनः जिला अस्पताल में बच्चे को शिफ्ट करने की बात कही. परिजन बगैर स्ट्रेचर के ही बच्चे को चादर के सहारे जिला अस्पताल लेकर आए तो इस बात का खुलासा हुआ. चुपचाप उसे वार्ड में भर्ती करा दिया गया, लेकिन डॉक्टर के कारनामे का खुलासा होते ही जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. इस पूरे मामले में सीएमओ पीएन चतुर्वेदी के मुताबिक पूरे प्रकरण की जांच कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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