मीडिया से बात करते किसान नेता राकेश टिकैत कौशांबी: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को बड़ा बयान दिया. उनका कहना है कि देश में कैमरा कलम पर बंदूक का पहरा है और बोलने पर पाबंदी है. राकेश टिकैत चायल तहसील के सुधवर गांव में जिलाध्यक्ष के घर संगठन के प्रशिक्षण शिविर में शिरकत करने पहुंचे थे. यहां वह मीडिया के रूबरू हुए और बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों प्रदेश के हर जनपद में प्रशिक्षण शिविर के जरिए संगठन को नई धार देने में लगे हैं. रविवार को वह सुधवर गांव में संगठन के जिलाध्यक्ष चंदू तिवारी के घर शिविर में हिस्सा लेकर कार्यकर्ताओ में नई उर्जा का संचार किया. किसान नेता ने कहा कि गांव-गांव में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ कर उन्हें उनके अधिकार और सामाजिक जिम्मेदारी की जागरूकता पैदा की जानी चाहिए. इसके जरिए किसान अपने हक की लड़ाई मुखर होकर लड़ सकेगा.
संगठन में नए लोगों को जोड़कर उन्हें पद की जिम्मेदारी सौंपी जाय, ताकि आगे आने वाले आंदोलन में सरकार को घेरकर किसान के मुद्दों को उठाया जाया जा सके. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान के धान को खरीदने में सरकार लापरवाही कर रही है. केवल 40 फीसदी किसानों के ही धान की खरीद हो पा रही है, बाकी शेष 60 फीसदी में बिचौलिये हावी है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने स्पस्ट किया कि चुनाव का समय आ गया है, इसलिए सरकार ने कुश्ती संघ को रद्द कर पहलवानों की पीड़ा की दिशा में कदम उठाया. यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था. क्योंकि, संघ में जिसे अध्यक्ष बनाया गया, वह भी प्रभावित व्यक्ति से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि देश में बोलने पर पाबंदी है.
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