कौशांबी : जिले के उरई असरफपुर गांव में सोमवार को हुए पीतांबर हत्याकांड का खुलासा ने कर दिया है. पुलिस ने इस हत्याकांड में मृतक के बेटे कमलेश कुमार उर्फ नथन और उसके दोस्त शिव सागर उर्फ लाउवा को गिरफ्तार किया है.
इतना ही नहीं, पुलिस के सामने अपने इकबालिया जुर्म में दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपने गुनाह को स्वीकार कर लिया है. इस खुलासे के बाद पुलिस के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है.
इन दोनों ने सोमवार को उरई असरफपुर गांव में पीतांबर की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद अभियुक्त कमलेश ने खुद को अपने पिता की हत्या के गुनाह से बचाने और पुलिस को गुमराह करने के लिए यूपी के कुख्यात डकैत बबली कोल का नाम लेकर रंगदारी मांगने का लेटर मृतक पीतांबर की लाश के पास छोड़ कर साजिश रची थी. कौशांबी थाने की पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर जब परिवार के लोगों ने पूछताछ शुरू की, तो पुलिस को पीतांबर के छोटे बेटे पर शक हुआ.
जायदाद के लालच में की थी हत्या
दरअसल, पिछले दिनों जायदाद के बंटवारे को लेकर कमलेश का अपने पिता पीतांबर से झगड़ा हुआ था. यह बात पीतांबर के बड़े बेटे मिश्री लाल और मझले बेटे प्रकाश ने पुलिस को बताई. शक की बिनाह पर पुलिस ने कमलेश को कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की. पहले पुलिस को कमलेश ने गुमराह करने की कोशिश की लेकिन जब पुलिस ने कमलेश से एक कागज पर कुछ लिखने को कहा तो उसकी लिखवाट देख पुलिस का शक यकीन में बदल गया. कमलेश की लिखावट और पीतांबर की लाश के पास मिले कुख्यात डकैत बबली कोल के नाम से लिखे रंगदारी मांगने वाले लेटर से हूबहू मेल खाती थी.