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Lekhpal Kiran murder case: ट्रैक्टर के पैसे न देने पड़े इसलिए शुभम मिश्रा ने की थी लेखपाल की हत्या

कौशांबी में लेखपाल किरण हत्याकांड (Lekhpal Kiran murder case) का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने लेखपाल की हत्या के मुख्य आरोपी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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Lekhpal Kiran murder case

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Published : Jan 11, 2023, 8:09 PM IST

घटना का खुलासा करते एसपी बृजेश श्रीवास्तव

कौशांबीः जिले के पिपरी पुलिस ने चकबंदी लेखपाल किरण रुपौलिया हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने हत्या में शामिल आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. एसपी के मुताबिक मृतक लेखपाल ने जिस शुभम मिश्रा की ट्रैक्टर दिलाकर मदद की थी, उसी ने रुपये वापस करने के दबाव से तंग आकर उनकी हत्या कर दी. आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के निशानदेह से हत्या में प्रयोग किए गए तमंचा और ईंट बरामद कर लिया है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ हत्या और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि 8 जनवरी को शौर्य जीत ने पिपरी पुलिस को सूचना देकर अपनी मां लेखपाल किरण रुपौलिया की गुमशुदगी दर्ज कराई. जिसके बाद सीओ चायल श्यामकांत के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया और उनकी तलाश शुरू की गई. इसके बाद चित्रकूट में एक महिला की लाश मिलने की सूचना मिली, जिसकी शिनाख्त शौर्य जीत ने अपनी मां लेखपाल किरण रुपौलिया के रूप में की. लाश मिलने के बाद पुलिस ने छानबीन करते हुए वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए. इस दौरान पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी मिले. इसमें महिला लेखपाल एक लाल रंग की कार में बैठ कर जाती दिखाई पड़ी. इसी आधार पर कार के मालिक शुभम मिश्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

एसपी ने बताया कि 2 दिन की पूछताछ के बाद शुभम मिश्रा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने अपने 3 दोस्त विक्रम सिंह उर्फ विक्कू पटेल पुत्र बादाम सिंह निवासी फरीदपुर, आशीष पासी पुत्र मनोज कुमार निवासी बहुगरा, मुनील पासी पुत्र स्व छोटू निवासी गोपालपुर सेवथा के साथ मिलकर लेखपाल किरण की हत्या की बात स्वीकार की.

पुलिस पूछताछ में आरोपी शुभम ने बताया कि लेखपाल किरण रुपौलिया को वह कई सालों से जानता था. उन्होंने उसकी बेरोजगारी पर दया कर उसे एक ट्रैक्टर दिलाया था. इसके बदले उसने हर महीने 25 हजार रुपये देने का वादा किया था. लेकिन पिछले कुछ महीने से वह किरण को पैसे नहीं दे पा रहा था. इसी बात को लेकर लेखपाल किरण रुपये न देने पर ट्रैक्टर वापस करने का दबाव बना रही थी. शनिवार को किरण ने उसे फोन किया तो उसने रुपये देने के बहाने किरण को लेकर वह अपने साथियों के साथ चित्रकूट के कामतानाथ दर्शन की बात कह कर अपनी गाड़ी में बैठाकर साथ ले गए.

चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र पंहुचने के बाद छोबो गांव के वीराने में किरण को पहले कट्टे के बट से मार कर मौत के घाट उतार दिया. फिर पहचान मिटाने के लिए उसके चेहरे पर ईंट से कई वार किये. जल्दबाजी में तमंचा घटना स्थल पर ही गिर गया.

एसपी ने बताया कि लेखपाल हत्याकांड में शामिल सभी बदमाशों की गिरफ्तारी कर ली गई है. इनके विरुद्ध केस दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. गुनाह की प्रवित्ति को देखते हुए पुलिस इन बदमाशों पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है. पुलिस पूछताछ में मृतक लेखपाल किरण के पति और बेटी की मौत का कोई संबंध नहीं पाया गया.

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