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पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को 10 वर्ष कारावास की सजा - Kaushambi court sentenced husband to ten years

कौशाम्बी न्यायालय ने 5 वर्ष पूर्व हुई हत्या के एक मामले में दोषी पति को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 25 हजार पांच सौ रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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कौशाम्बी न्यायालय

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Published : Jul 31, 2023, 6:55 PM IST

कौशाम्बी: जनपद न्यायालय के अपर जिला जज प्रथम राकेश कुमार ने पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर भरेठा गांव में पांच वर्ष पूर्व हुई हत्या के एक मामले में दोषी पति को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 25 हजार पांच सौ रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. 5 वर्ष बाद न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने से पीड़ित परिवार ने फैसले पर खुशी जाहिर की है.

अभियोजन के अनुसार प्रयागराज के मुंडेरा निवासी राकेश कुमार पटेल ने 5 वर्ष पहले पुरामुफ्ती थाना में शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि 17 वर्ष पहले उसने अपनी बहन संजू का विवाह मोहिउद्दीनपुर भरेठा निवासी श्रीनाथ पटेल के साथ किया था. संजू को दो बच्चे भी हुए. इसके बाद भी पति श्रीनाथ संजू के चरित्र को लेकर हमेशा संदेह करता था. पति अपनी पत्नी से दोनों बच्चे किसके है, इस बात को अक्सर पूछा करता था. इसी बात को लेकर श्रीनाथ ने 16 मई 2018 को दोपहर करीब एक बजे संजू को काफी मारा-पीटा था. इस पर भी जब उसका जी नहीं भरा तो उसने संजू को मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया. सूचना मिलने पर वादी राकेश कुमार ने संजू को गंभीर हालत में प्रयागराज के जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया. यहां संजू ने घटना के बारे में अपना मृत्यु पूर्व बयान भी दर्ज कराया था. इलाज के दौरान संजू की अस्पताल में मौत हो गई.

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इस मामले में संजू के भाई राकेश कुमार ने श्रीनाथ के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी पति के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया. मुकदमे का विचारण अपर जिला जज प्रथम राकेश कुमार की कोर्ट में चलाया गया. राज्य सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा और प्रेम प्रकाश ने वादी मुकदमा समेत कुल आठ गवाहों को कोर्ट में गवाही कराई. सोमवार को मामले में दोनों ओर से दी गई दलीलों को सुनने और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने दोषी पति को दस वर्ष कठोर कारावास और 25 हजार पांच सौ रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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