कौशांबीः अपर सत्र न्यायाधीश (Kaushambi Additional Sessions Judge) ने अवैध संबंध के शक पर महिला की हत्या करने वाले पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों के ऊपर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने वादी को झूठा साक्ष्य देने पर आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्यवाही करने का आदेश दिया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला कोखराज थाना (Kokhraj Police Station) क्षेत्र के मारूफपुर अम्बहा गांव के रहने वाले रामचन्द्र के छोटे बेटे सतेंद्र सरोज ने 16 सितंबर 2019 को थाना में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसके भाई चौबे लाल को शक था कि मां रजनी देवी का फूफा रामसेवक के साथ अवैध संबंध है. इस अवैध संबंध के शक पर भाई चौबे लाल ने पिता रामचंद्र के साथ मिलकर मां की हत्या कर दी. हत्या के बाद दोनों अभियुक्त फरार हो गए. इस मामले में कोखराज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.
विवेचक ने विवेचना पूरी कर दोनों अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया. इसके बाद मामला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राकेश कुमार बी की अदालत में पेश हुआ. इस दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा ने न्यायालय में कुल पांच गवाहों का बयान दर्ज करवाया. गवाहों को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के बाद शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने मामले में पिता रामचंद्र और उसके बेटे चौबे लाल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों को 30 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है. वहीं, न्यायालय ने वादी सतेंद्र सरोज को न्यायालय को गुमराह करने के जुर्म में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं.
अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा के मुताबिक न्यायालय ने हत्या के जुर्म में पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों के ऊपर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, वादी को मिथ्या साक्ष्य देने के आरोप में आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने के लिए आदेश पारित किया है.
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