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Published : Oct 9, 2022, 6:28 PM IST

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कबाड़ी को बेची गई सरकारी स्कूल की किताबें, Video Viral

कौशांबी में सरकारी स्कूल की किताबें रसोइया ने कबाड़ी को बेच दी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो का संज्ञान लेते हुए बीएसए ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

कौशाम्बी
कौशाम्बी

कौशाम्बी:जनपद में परिषदीय विद्यालय में बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जहां सरकारी स्कूल की किताबों को कबाड़ी को बेच दिया गया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल (Video of selling books to ragman) हो रहा है. वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए बीएसए जांच के लिए मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. बीएसए ने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

मामला मंझनपुर ब्लाक के अगियौना का है. जहां कम्पोजिट विद्यालय अगियौना में मौजूदा समय में 438 बच्चे रजिस्टर्ड हैं. इनमें 250 बच्चे नियमित पढ़ाई के लिए आते हैं. स्कूल में पिछले सत्र 2021-22 की किताबें जो बच्चों से वापस कराई गई थी, वह रखी थी. इन किताबों को रसोइया ने कबाड़ी को बेच दिया. सरकारी स्कूल की किताबों को कबाड़ी के यहां देख कर ग्रामीणों ने मामले की सूचना ग्राम प्रधान संदीप कुमार चौधरी को दी.

जानकारी देते ग्राम प्रधान और बीएसए

किताबों को सरकारी स्कूल के बजाय कबाड़ी की दुकान में रखे होने की सूचना मिलते ही ग्रामप्रधान मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की पूछताछ की. ग्राम प्रधान संदीप कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि रसोइया ने किताबों को लाकर कबाड़ी के हाथ बेचा है. इस पर ग्राम प्रधान ने पूरी किताबों को लेकर अपने पास रख लिया है.

कबाड़ी के यहां सरकारी स्कूल किताबें मिलने का वीडियो किसी ने बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. मामले की जानकारी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह मामले की जांच करने अगियौना गांव पहुंचे. जहां उन्होंने ग्राम प्रधान और कबाड़ के दुकानदार राजकुमार से पूछताछ की. राजकुमार ने बीएसए को बताया कि उसे यह किताब स्कूल की रसोईया का काम करने वाली महिला ने बेची हैं.


बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि वीडियो का संज्ञान लेते हुए वह पूरे मामले की छानबीन गांव पहुंच कर की है. किताबें वर्ष 2021-22 की है, इस मामले में प्रधानाध्यापिका प्रेमलता ने फोन पर बताया कि उन्होंने यह किताबें साफ सफाई के दौरान रसोईया से हटाने के लिए कहा था. ये सभी किताबे पुरानी है. मामले में प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापिका दोषी पाई गई है, उनके खिलाफ विभागीय जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

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