कौशांबीः यमुना में बाढ़ आने से जिले के लगभग 40 गांव प्रभावित हो गए हैं. यमुना इन दिनों खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. यमुना का पानी ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है, जिसके चलते लोगों को घर छोड़ना पड़ रहा है. बाढ़ की वजह से कुछ गांवों का संपर्क भी टूट गया है. ग्रामीणों के मुताबिक जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.
जिला प्रशासन ने बताया कि भरतपुर से लगभग चार दिन पहले 25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे यमुना में बाढ़ आ गई है. जिले के लगभग 40 से 42 गांव बाढ़ की जद में हैं. यमुना नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर यानि 87.7 मीटर ऊपर बह रही हैं. यही कारण है कि यमुना नदी के किनारे पड़ने वाले गांव मल्लिहपुर, पिपरहटा कटैया, पभोषा, महेवाघाट, यमुनापूत गांव मे पानी बढ़ने से तबाही मची है और गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो चुके हैं. कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं, तो कुछ लोग वहीं जीवनयापन करने को मजबूर हैं.
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