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कौशांबी: बरसात में मचान विधि से लौकी की खेती कर किसान हो रहे मालामाल - लौकी की खेती पर किसान दे रहे ध्यान

यूपी के कौशांबी जिले में किसान लौकी की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. दरअसल, लघु एवं सीमांत वर्ग के किसानों का रुझान पारंपरिक खेती से हटकर सब्जी के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है. वहीं किसान आधुनिक तरीकों से खेती कर लाभ कमा रहे हैं.

लौकी की खेती करता किसान.
लौकी की खेती करता किसान.

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Published : Aug 20, 2020, 9:24 AM IST

कौशांबी:जिले में अब तक किसान पारंपरिक खेती किया करते थे. वहीं बाकी फसलों को दोयम दर्जे का काम मानकर नौकरी और दूसरे कारोबार पर जोर देते थे, लेकिन लॉकडाउन में किसानों का वक्त बदला तो किसानों की सोच भी बदल गई. नए दौर के किसान अब नगदी खेती को गंभीरता से ले रहे हैं. वहीं लघु एवं सीमांत वर्ग के किसान का रुझान पारंपरिक खेती से हटकर सब्जी के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है. कम लागत में अधिक मुनाफा के चलते गेहूं और धान की परंपरागत फसलों से किसानों का मोहभंग हो रहा है. वहीं किसान आधुनिक तरीकों से खेती कर लाभ कमा रहे हैं.

जनपद के मुजाहिदपुर, पल्हना, पट्टी, नरवर आदि गांव में तमाम किसान लौकी का उत्पादन कर रहे हैं. पुरानी विधियों के चलते अभी तक किसानों को बारिश के समय में लौकी की खेती में नुकसान उठाना पड़ता था. क्योंकि जमीन में पड़े लौकी के पेड़ सड़ जाया करते थे. लॉकडाउन के दौर पर बढ़ती बेरोजगारी के चलते खासकर छोटे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं. उद्यान विभाग की सलाह पर किसानों ने सब्जी और अन्य फसले उगाना शुरू कर दिया है. वहीं इन दिनों छोटे किसानों को लौकी की फसल काफी लुभा रही है.

दरअसल, मचान विधि द्वारा की गई खेती से अच्छी पैदावार होने के साथ-साथ दाम भी अच्छे मिलने से किसान काफी खुश है. किसानों के मुताबिक कम लागत में लौकी की खेती होती है और उन्हें मुनाफा भी अच्छा मिलता है. अगर बात की जाए तो उन्हें एक बीघे में कम से कम 70 से 80 हजार का मुनाफा मिलता है, जिसे किसान अब धान और गेहूं की खेती से हटकर लौकी की फसल पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. या यूं कहें कि बरसात के दिनों में लौकी किसानों को मालामाल कर रही है.

अपर जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र भास्कर के मुताबिक कौशांबी जिले में मचान विधि से लौकी की खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा रहे हैं. लॉकडाउन में किसानों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई थी. इसके बाद उन्हें कम पैसों में लौकी की खेती करने की सलाह दी गई. वहीं किसान अब मचान विधि से खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि मचान विधि से की गई लौकी की खेती में पैदावार हो रही है.

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