कौशांबी:जिले में अब तक किसान पारंपरिक खेती किया करते थे. वहीं बाकी फसलों को दोयम दर्जे का काम मानकर नौकरी और दूसरे कारोबार पर जोर देते थे, लेकिन लॉकडाउन में किसानों का वक्त बदला तो किसानों की सोच भी बदल गई. नए दौर के किसान अब नगदी खेती को गंभीरता से ले रहे हैं. वहीं लघु एवं सीमांत वर्ग के किसान का रुझान पारंपरिक खेती से हटकर सब्जी के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है. कम लागत में अधिक मुनाफा के चलते गेहूं और धान की परंपरागत फसलों से किसानों का मोहभंग हो रहा है. वहीं किसान आधुनिक तरीकों से खेती कर लाभ कमा रहे हैं.
जनपद के मुजाहिदपुर, पल्हना, पट्टी, नरवर आदि गांव में तमाम किसान लौकी का उत्पादन कर रहे हैं. पुरानी विधियों के चलते अभी तक किसानों को बारिश के समय में लौकी की खेती में नुकसान उठाना पड़ता था. क्योंकि जमीन में पड़े लौकी के पेड़ सड़ जाया करते थे. लॉकडाउन के दौर पर बढ़ती बेरोजगारी के चलते खासकर छोटे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं. उद्यान विभाग की सलाह पर किसानों ने सब्जी और अन्य फसले उगाना शुरू कर दिया है. वहीं इन दिनों छोटे किसानों को लौकी की फसल काफी लुभा रही है.