कौशांबी:जब पूरा देश 75वां स्वतंत्रता दिवस की जश्न में डूबा हुआ था, उसी दौरान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी के जिला अस्पताल में बदइंतजामी की एक तस्वीर सामने आई है, जहां जिला अस्पातल की बदइंतजामी के चलते एक मां-बाप ने अपने जिगर के टुकड़े को खो दिया. परिजनों के मुताबिक नवजात शिशु को डॉक्टरों ने स्टाफ की देखरेख में एसएनसीयू में हीटिंग पैड पर रखा था. आरोप है कि हीटिंग अधिक होने के कारण शिशु की जलकर मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा काटा.
हंगामे को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया. सीएमएस के मुताबिक वह इस पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे.
फतेहपुर जनपद के हरिश्चंद्रपुर गांव के रहने वाले जावेद की पत्नी को डिलिवरी के लिए कौशांबी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां जिला अस्पताल में 13 अगस्त को डिलीवरी हुई. डिलेवरी के बाद नवजात शिशु मां का दूध नहीं पी रहा था, तो डॉक्टर ने शिशु को SNCU में भर्ती करा दिया. आरोप है कि 15 को सुबह डॉक्टरों ने उसे हीटिंग पर रखवा दिया. जब सुबह 6 बजे दादी ने शिशु को देखने गई, तो शिशु खेल रहा था, लेकिन कुछ घंटे बाद में शिशु की रोने की आवाज सुनाई दिया. इससे परिजन अंदर गए और अंदर का नजारा देख दंग रह गए.
आरोप है कि शिशु के जिस्म से धुंआ निकल रहा था, उसका बदन फट गया था. इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि जब वह यह सारी बात स्टाफ को बताने पहुंचे, तो जिला अस्पताल के एसएनसीओ वार्ड से स्टाफ नदारद रहा. आरोप है कि कुछ स्टॉप अन्य जगह बैठकर मोबाइल चलाने में मस्त थे. परिजन चिल्लाते रह गया, लेकिन किसी ने भी बच्चे को बचाने की कोशिश नहीं की, जिससे शिशु की वहीं मौत हो गई. पिता जावेद ने गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि स्टाफ ने शिशु को हिटिंगपैड पर रखा था और पूरा SNCU स्टाफ बाहर घूम रहा था, जिसके चलते बच्चे की मौत हुई है.
परिजनों ने कहा कि यहां पर पैसा चलता है. डिलेवरी के बाद ही 4 हजार रुपये लिए गए थे. उसके बाद भी पैसों की डिमांड होती रहती थी. लापरवाही कर के शिशु को जलाकर मार दिया गया.
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में हुए लापरवाही से शिशु की मौत में बाद परिजनों ने अपना आपा खो दिया और जमकर हंगामा काटा. जिला अस्पताल में हुए शिशु की मौत और हंगामे की सूचना मिलने पर मंझनपुर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने इस पूरे मामले में जांचकर कार्रवाई का भरोसा देकर परिजनों को शांत कराया. वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस दीपक सेठ का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है. जांच के बाद जो भी स्टाफ दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें-गर्भवती महिला को नहीं किया भर्ती, इलाज न मिलने से नवजात की मौत