कौशांबी: जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिए मरीजों के साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ जब एंबुलेंसकर्मी एक कोरोना संदिग्ध मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे.
कोरोना संदिग्धों को नहीं किया जा रहा भर्ती जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए उन्हें एक घंटे इधर-उधर टहलाया जा रहा है. इसके साथ ही एंबुलेंसकर्मी ने आरोप लगाया है कि मरीजों को भर्ती करने के बाद गाड़ियों को सैनिटाइज नहीं किया जाता है.
जिला अस्पताल की लापरवाही आई सामने
हिगुई गांव में बाहर से आए लोगों को प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है. एक युवक की तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस को बुलाया गया. एंबुलेंसकर्मी कोरोना संदिग्ध को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो, स्टाफ ने भर्ती न करके, उन्हें इधर-उधर टहलाया.
कोरोना संदिग्धों को नहीं किया जा रहा भर्ती एंबुलेंस के ईएमटी रोहित पांडे ने बताया कि मरीज को कोई देखने को तैयार नहीं है. मरीज को आइसोलेशन वार्ड ले जाने पर इमरजेंसी में भेज दिया गया. इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर वापस बाहर भेज देते है. जिला अस्पताल का कोई भी डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन लगाने को तैयार नहीं होता है.
जिला अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि एंबुलेंसकर्मियों को इंजेक्शन लगाने को बोला जाता है. इसके साथ ही ईएमटी ने बताया कि बुधवार को एक कोरोना संदिग्ध मरीज को लेकर प्रयागराज गए हुए थे. वहां गाड़ी को सैनिटाइज भी नहीं किया गया. वहीं इसे पूरे मामले में जिला प्रशासन के आलाधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.