कौशांबी: बुधवार को जनपद में शव दफनाने को लेकर बवाल हो गया. मौके पहुंचे पुलिस अधिकारियों का अनुसूचित जाति के लोगों से घंटों कहासुनी हुई. प्रशासनिक टीम जगह को भूमिधरी बता रही थी. जबकि अनुसूचित जाति के लोग कब्रिस्तान की जमीन बता रहे थे. हालांकि माहौल बिगड़ता देख प्रशासनिक टीम पीछे हट गई और मृतका के परिजनों ने शव को वहीं स्थान पर दफन किया. अब जिला प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात कह रहा है.
दरअसल, मंझनपुर जिला मुख्यालय बनने के बाद जमीन की कीमत अचानक बढ़ गई. लिहाजा जमीन को लेकर विवाद भी सामने आने लगे हैं. इसी का नतीजा है कि बुधवार को शव दफनाने को लेकर बवाल हो गया. दरअसल, मंझनपुर के रहने वाले हसन सादिक की भूमिधरी जमीन गाटा संख्या 1842 हजरतगंज मोहल्ले में थी. उसी भूमि से सटे बंजर भूमि है. हसन, सादिक आदि ने जमीन को प्रॉपर्टी डीलर हारून खान के नाम भेज दिया था. बुधवार को जग्गी देवी पत्नी स्वर्गीय गरीबदास की मौत हो गई. तो परिजन उसी भूमि पर शव दफनाने के लिए गड्ढा खोदने लगे. जिसकी शिकायत हारून ने प्रशासन से की.
शिकायत मिलने के बाद मौके पर मंझनपुर तहसीलदार राम जी और एसओ मंझनपुर समेत भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. प्रशासनिक टीम ने परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन परिजन भड़क गए. मामले को लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ. बवाल बढ़ता देख प्रशासनिक टीम मौके से हट गई. जिसके बाद परिजनों ने शव को दफन दिया. बता दें कि इसी भूमि पर कुछ माह पहले भी जमकर बवाल हुआ था. तब पुलिस ने हारून आदि के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.