कौशांबी: कोरोना महामारी से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. न जानें कितने परिवार मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं. कोरोना संक्रमण से कारोबार से लेकर हुनर तक प्रभावित हुआ है. वहीं मोहर्रम के दिनों में ताजियदारी पर लगे प्रतिबंध से जिले में इससे जुड़े ताजिया कारीगरों व ताजिया बेचकर परिवार चलाने वालों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इन कारीगरों की ताजिया मुल्क में ही नहीं, विदेशों में भी भेजी जाती थी, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते हर धर्मिक कार्यक्रम पर रोक लगी हुई है. वहीं इस काम से जुड़े परिवार ने ताजिया रखे जाने की प्रशासन से अपील की हैं, जिससे उनके सामने खाने का संकट न हो.
दरअसल, जिले के कड़ा गांव के लोग ताजिया बनाकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. यह जिले का एक ऐसा गांव है, जहां घर-घर लोग ताजिया बनाते हैं. यहां के लोग ताजिया बनाकर उसे बेचने का इंतजार करीब 8 महीने पहले से कर रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार शासन और प्रशासन ने अपने घर के अंदर रहकर ताजियदारी मनाने का ऐलान किया है. इससे ताजिया कारोबारी परेशान हो गए हैं.
कोरोना वायरस के चलते इस बार प्रशासन ने मना कर दिया है कि मोहर्रम में इमाम चौक पर ताजिया नहीं रखी जाएगी. इसके साथ ही ताजिया कारोबारियों को हिदायत दी गई है कि ताजिया न बेची जाए. अगर ताजिया बेची गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जो खरीददार हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. इससे कारोबारी काफी परेशान हैं.