कौशांबी : यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी के सिराथू तहसील क्षेत्र स्थित छतुरीपुर गांव की तस्वीर आज तक नहीं बदली. ग्रामीणों को उस समय एक आस जगी, जब भाजपा विधायक शीतला प्रसाद पटेल ने इस गांव को गोद लिया. लोगों को लगा कि अब इस गांव की हालत जरूर बदलेगी, लेकिन बदसूरत हो चुकी गांव की तस्वीरें आज भी विकास की बाट जो रही हैं. सिराथू तहसील क्षेत्र स्थित सायरा मीठापुर का छतुरीपुर गांव है. गांव में प्रवेश करने वाली रोड पर लगने वाली इंटरलॉकिंग का काम भी अधूरा पड़ा है. इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन को छतुरीपुर गांव मुंह चिढ़ा रहा है. गांव में प्रवेश के लिए एक कच्ची पगडंडी है, जो बताती है कि गांव में आजादी के बाद से लेकर अब तक कितना विकास हुआ है. गांव में अब तक नाली का निर्माण भी नहीं हुआ है, जिससे घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता है. वहीं, नालियों का पानी गलियों में जमा होने से राहगीरों को दिक्कतें होती हैं.
ग्रामीणों ने बताईं समस्याएं
छतुरीपुर गांववासियों के मुताबिक, दो साल पहले जब भाजपा से सिराथू विधायक शीतला प्रसाद पटेल ने इस गांव को गोद लिया था, तो उन्होंने यहां बनी कच्ची पगडंडी पर इंटरलॉकिंग लगवाने का काम शुरू करवाया था. यह कार्य आज तक अधूरा पड़ा है. स्थानीय निवासी रामानुज और देवी सिंह ने बताया कि दो साल पहले इंटरलॉकिंग का काम शुरू हुआ था, लेकिन पूरा नहीं हुआ. इसके अलावा गांव में कई ऐसे कार्य हैं, जो आज तक पूरे नहीं हो सके. स्वच्छ भारत मिशन के तहत छतरपुर गांव में सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं. वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं. गांव में बने इन शौचालयों की हालत कुछ ही महीनों बाद जर्जर हो गई. इसके चलते ग्रामीण मजबूरन खुले में शौच के लिए जाते हैं.
पात्रों को नहीं मिला पीएम आवास योजना का लाभ
छतुरीपुर गांव में कई पात्र लाभार्थी ऐसे हैं, जिन्हें आज तक पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. वह अपने टूटे-फूटे मकान में रहने के लिए मजबूर हैं. स्थानीय निवासी गुलाब कली ने बताया कि वह कई बार प्रधानमंत्री आवास के लिए प्रधान समेत अन्य अधिकारियों से गुहार लगाईं, लेकिन उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया गया. वह पति के साथ टूटे-फूटे छप्परनुमा मकान में गुजारा कर रही है. स्थानीय निवासी नीता देवी को भी कोई आवास नहीं मिला है.