कौशांबीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते हुए देश भर में लॉकडाउन घोषित किया गया है. इस लॉकडाउन के चलते जो जहां था, वहीं फंस गया. ऐसे ही कर्नाटक के मैसूर जिले के 21 विद्यार्थी कौशांबी जिले के नवोदय विद्यालय में फंस गए हैं. इन छात्रों की मांग है कि यूपी सरकार इनको घर भेजने की व्यवस्था करे. विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना है कि इनके रहने की हर व्यवस्था की गई है, लेकिन बच्चे मानसिक रूप से परेशान हैं.
कौशांबी में फंसे मैसूर के 21 छात्र. कक्षा-9 के हैं सभी छात्र
जवाहर नवोदय विद्यालय टेवा में कर्नाटक के मैसूर से साल भर पहले पढ़ाई करने आए कक्षा 9 के 21 छात्र छात्राएं लॉकडाउन के कारण फंस गए हैं. पहले 21 दिन के लॉकडाउन पर उन्हें उम्मीद थी कि 21 दिन बाद कुछ ढील मिलेगी और वह अपने घर जाएंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. दूसरी बार हुए 18 दिन के लॉकडाउन के बाद से बच्चे लगातार परेशान हैं.
विद्यालय प्रशासन ने कर रखी है हर व्यवस्था
विद्यालय प्रबंधन छात्रों को कॉलेज कैंपस में ही भोजन आदि की बेहतर व्यवस्था किए हुए हैं. उन्हें सुबह का नाश्ता दोपहर के भोजन, मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है, लेकिन बच्चे अब भावनात्मक रूप से अपने माता-पिता के पास जाने के लिए अड़े हुए हैं. इन बच्चों की मांग तब और बढ़ गई है, जब से इन्हें पता चला है कि सरकार ने राजस्थान में फंसे बच्चों को वापस उत्तर प्रदेश लाई है. बच्चे अब मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी सरकार उनके घर पहुंचाए.
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मानसिक और भावनात्मक रूप से हैं परेशान
जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य विमल कुमार मिश्र के मुताबिक लॉकडाउन के पहले सभी बच्चों का ट्रेन में रिजर्वेशन करा दिया गया था पर लॉकडाउन के कारण ट्रेनें रद्द हो गई. इसके साथ ही इन्हें स्कूल में ही रुकना पड़ा. बच्चों की हर व्यवस्था स्कूल पर की गई है. फिर भी बच्चे मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान है और घर भेजे जाने की मांग कर रहे है.