कौशांबीःचरवा थाना क्षेत्र की रहने वाली 13 वर्षीय रेप पीड़िता किशोरी ने मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर जिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है. नार्मल डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताये जा रहे हैं. बच्चे के जन्म लेते ही पीड़ित किशोरी का पिता बदहवास हो गया. उसे समझ नहीं आ रहा कि वह पीड़ित बेटी के 9 माह से दर्द के खत्म होने की खुशी मनाये या फिर अनचाहे बच्चे को अपनाकर समाज में अपने परिवार को हंसी का पात्र बनाये. पीड़ित बच्ची के पिता ने डॉक्टरों से बच्चे को अपनाने से साफ इंकार कर दिया है.
बच्चे को अपनाया तो समाज जीने नहीं देगाः पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'बच्चा उसे नहीं चाहिए, क्योंकि वह नाजायज औलाद है. उसे केवल उसकी बच्ची चाहिए. बेटी की जिंदगी को सवारने के लिए उसे पढ़ा लिखा कर लायक बनाऊंगा. शायद उसकी जिंदगी बन जाय. यदि मैंने बच्चे को अपना लिया तो पढ़ना-लिखना छोड़िये उसकी दूसरे बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. वो सब नाजायज औलाद कहलाये जाएंगे. कोई मर्यादा नहीं रह जाएगी. हमें लोग ताना मारेंगे और बहुत परेशान करेंगे. जो गांव में दबंग लोग है वह और परेशान करेंगे. तरह तरह की बात कर उनकी जिंदगी मुश्किल कर देंगे.'
कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों ने कराई डिलीवरीः रेप पीड़िता के पिता ने बताया कि 'उनकी किशोर बेटी के गर्भ के चलते उसकी शरीर में बदलाव होने लगे. जिससे उनकी तबियत लगातार खराब रहने लगी. अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया. बेटी की जान बचाने को उसने अदालत में गुहार लगा कर गर्भपात कराये जाने की मांग की. अदालत से 15 अक्टूबर को आदेश देकर सीएमओ / सीएमएस को मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भ हटाने का आदेश दिया. लेकिन डाक्टरों ने बेटी का गर्भ नहीं हटाया. बाद में 12 नवम्बर को अदालत ने आदेश दिया कि डॉक्टरों की टीम की देखरेख में पीड़िता को रखा जाए और उसकी जान माल की सुरक्षा को देखते हुए आगे का निर्णय डॉक्टर की टीम करे कि उसका गर्भपात होना है या डिलीवरी करवानी है. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया था, अब उसकी बेटी ने एक बच्चे को जन्म दिया है.'