कासगंजःजिले में एक बड़े राजनीतिक घराने के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने लगा है. 1967 और 1980 में एटा लोकसभा से कांग्रेस सांसद और इंदिरा गांधी के काफी करीब रहे कद्दावर नेता मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी ज़ाहिदा सुल्तान ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. इसके बाद जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है. ईटीवी भारत ने ज़ाहिदा सुल्तान के सपा में शामिल होने पर उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल किए.
नगर पंचायत से राजनीति की शुरुआत
पुराने कांग्रेसी और एटा लोकसभा से दो बार के सांसद रहे मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी जाहिदा सुल्तान ने राजनीति की शुरुआत कासगंज जिले की नगर पंचायत सहावर की चेयरपर्सन के रूप की. उन्होंने 2017 में सहावर नगर पंचायत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अभी हाल ही में ज़ाहिदा सुल्तान ने दादा और पिता की कांग्रेसी विचारधारा को त्याग कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा है. ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समाजवादी विचारधारा और अखिलेश यादव की जो कार्यशैली है उससे प्रभावित होकर उन्होंने सपा का दामन थामा है.
समाज सेवा की बात
2022 विधानसभा चुनावों में पटियाली विधानसभा से समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रबल दावेदारों में से एक ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समीकरणों का तो मुझे पता नहीं लेकिन मैं समाजवादी पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुई हूं. जिस तरह से मेरे परिवार ने बीते वर्षों में समाजसेवा की है मैं भी पार्टी में रह कर समाज सेवा करती रहूंगी.