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कासगंज: 'पीएम आवास योजना' से ग्रामीणों को मिला सपनों का घर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पीएम आवास योजना' से कासगंज जिले में कई परिवारों का अपना आशियाना बनाने की हसरत पूरी हुई है. योजना का लाभ उठाकर लाभार्थियों ने सपनों का महल खड़ा कर लिया है. तो वहीं सरकार की तरफ से किश्त में देरी के चलते कई मकान का भविष्य सीढ़ियों पर ही अटका दिख रहा है.

प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना

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Published : Jul 9, 2020, 8:07 PM IST

कासगंज:पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 25 जून 2015 को 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का शुभारंभ किया. यह योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्होंने कभी खुद का घर बनाने का सपना संजोया था. योजना के तहत सरकार इन्हें होम लोन पर ढाई लाख रुपये तक की सब्सिडी मुहैया कराती है. वहीं आर्थिक आधार पर भी लोन में सब्सिडी दी जाने की व्यवस्था की गई है. 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का लाभ कासगंज जिले के सैकड़ों परिवारों को मिला है.

जानकारी देते लाभार्थी.

योजना का मकसद:2022 तक हो पक्का मकान
'प्रधानमंत्री आवास योजना' का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक शहरी गरीब को साल 2022 तक पक्का मकान उपलब्ध कराना है. योजना के अंतर्गत कासगंज जनपद में लाभार्थियों की बात करें, तो सैकड़ों परिवारों को अब तक इस योजना का लाभ मिल चुका है. तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सरकार की तरफ से पहली किश्त पाने के बाद दूसरी किश्त का इंतजार कर रहे हैं.

पीएम मोदी का कर रहे धन्यवाद
लाभार्थी मनोज कुमार ने 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का लाभ मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है. उन्होंने बताया कि 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के चलते उनके सपनों का घर बन सका है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया किया. मनोज ने बताया कि उन्होंने साल 2016 में पीएम आवास योजना के लिए आवेदन किया था. 2 साल बाद साल 2018 में उनका चयन 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के अंतर्गत हुआ. सरकार की तरफ से योजना की 3 किश्तें मिलने के बाद लाभार्थी मनोज कुमार का सपनों का घर बनकर तैयार हो गया.

'अगली किश्त का है इंतजार'
कासगंज जनपद में रहनेवाली मायादेवी का कहना है कि सरकार की यह योजना तो अच्छी है, लेकिन किश्तों के लिए बहुत इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि साल 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था. सरकार की तरफ से उन्हें अब तक सिर्फ एक किश्त ही मिली है. उस किश्त से उन्होंने मकान बनवाने की शुरूआत की. लेकिन दूसरी किश्त के न आने से मकान का काम सीढ़ियों तक ही सीमित रह गया.

लॉकडाउन, अनलॉक ने बढ़ाई मुसीबत
जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के परियोजना अधिकारी विद्या शंकर पाल ने बताया कि कोरोना के पहले सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन और अनलॉक के चलते किश्तों के आवंटन में परेशानियां आई हैं. इसके लिए सूची बनाकर जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने लाभार्थियों से अपील करते कहा कि बारिश शुरू होने से पहले मकान का काम पूरा करवा लें. इससे उन्हें बारिश के समय किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.

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