कासगंज: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की तरफ से किशोरी बालिकाओं को सखी-सहेली बनाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके लिए जिले के सभी ब्लॉक में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है. ये कार्यशाला 15 जनवरी तक चलेगी. इस कार्यशाला में सखी एवं सहेली को उनकी आवश्यक आवश्यकताओं से संबंधित बातों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन सखी सहेलियों के समूह को वीरांगना दल नाम दिया गया है.
वीरांगना दल की सखी सहेलियों का प्रशिक्षण शुरू. योजना के अंतर्गत पोषण और गैर पोषण दो मद हैं
पोषण के अंतर्गत 22 जनपदों की किशोरियों को मीठा दलिया, नमकीन दलिया और लड्डू प्रीमिक्स दिया जा रहा है और शेष 53 जनपद में मोटा अनाज, रागी बाजरा, ज्वार मक्का, कोदों, काठिया गेहूं, देसी काला चना और मसूर दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरी बालिकाओं को औपचारिक स्कूली शिक्षा में वापस लाने, कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने, आईएएफ टेबलेट का सेवन, स्वास्थ्य जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, जीवन कौशल शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंचने हेतु मार्गदर्शन करना है.
वीरांगना समूह का गठन किया गया
आंगनवाड़ी केंद्रों पर 25 से 30 लक्षित किशोरी बालिकाओं के कुल 11,911 वीरांगना समूह का गठन किया गया है. इस गठित समूह को नेतृत्व प्रदान करने के लिए वीरांगना दलों में से ही तीन किशोरी बालिकाओं में एक वीरांगना सखी एवं दो वीरांगना सहेली के लिए चयन किया गया है. इस प्रकार प्रदेश के सभी जनपदों में से 19911 वीरांगना दल में से 19911 सखी एवं 23822 सहेली चयनित की गई हैं. प्रत्येक परियोजना में ब्लॉक पर चयनित सखी सहेलियों के 10 समूह को 3,030 किशोरियों के बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रति परियोजना पर 1,10,000 रुपये खर्च किया जाएगा.
ये है मानदेय
- रिफ्रेशमेंट- 50 रुपये प्रति प्रतिभागी
- प्रतिभागी को मानदेय 150 रुपये नियत
- ट्रेनिंग किट कपड़ा बीज पौधा आदि 50 रुपये प्रति प्रतिभागी
- बैनर फोटोग्राफी स्टेशनरी आदि 500 रुपये
- कुल 11,000 रुपये प्रति बैच
- कुल 10 बैच लगाए जाएंगे 1,10,000 रुपये
स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं का हर ग्रामसभा में एक समूह बनाया गया है. इनको इनकी जरूरत की हर चीज एवं योग का महत्व समझाना है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के लोगों से भी सहयोग लिया जाएगा. इन बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि स्वयं भी जागरूक हों और अपनी साथी सखी सहेली एवं महिलाओं को जागरूक करें.
-श्यामा मिश्रा, बाल विकास एवं पुष्टाहार अधिकारी