कासगंज:कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स के कारण यहां सड़क दुर्घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है. आज ईटीवी भारत ने जिले के दो बड़े ब्लैक स्पॉट्स की पड़ताल की. साथ ही स्थानीय लोगों व अधिकारियों से उक्त समस्या पर बात भी की. ताकि असल हकीकत सामने आ सके. कासगंज में पिछले साल की सड़क दुर्घटनाओं के अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सड़कों पर खराब इंजीनियरिंग और विभागीय लापरवाही के कारण करीब 377 सड़क दुर्घटनाओं में 192 लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रशासन के अनुसार जिन जगहों पर अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दिया जाता है. लेकिन आईआईटी दिल्ली की टीम ने कासगंज की सड़कों पर 17 जगहों को चिन्हित किया था, जहां सड़क निर्माण व इंजीनियरिंग की खामियों के चलते सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं.
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लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन सुधीर कुमार का तर्क है कि जिस जगह पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, वह ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं. जबकि आईआईटी दिल्ली की टीम ने सड़क दुर्घटनाओं का कारण निर्माण के दौरान सड़कों के मोड़ पर मानक के अनुरूप ढाल अर्थात सुपर एलिवेशन नहीं लिए जाने के बारे में बताया है.
एक्सईएन सुधीर कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के दो मुख्य कारण सामने आए हैं.पहला तीव्र गति और दूसरा असावधानी. उन्होंने कहा कि इन ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.