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कासगंज में भ्रष्टाचार: न सड़क की इंटरलॉकिंग हुई, न पौधे लगे लेकिन खाते से निकाल लिए लाखों रुपये - पटियाली ब्लॉक में कुढ़ा ग्राम पंचायत

कासगंज में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां जांच में पाया गया कि पंचायत सचिव ने बिना सड़क की इंटरलॉकिंग करवाए और बिना पौधे लगाए खाते से लाखों रुपये निकाल लिये.

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कासगंज में भ्रष्टाचार

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Published : Jan 6, 2022, 10:39 PM IST

कासगंज:यहां की कुढ़ा ग्राम पंचायत में घोटाला सामने आया है. जांच में पाया गया कि पंचायत सचिव ने बिना सड़क की इंटरलॉकिंग बनवाए और बिना पौधे लगाए ही खाते से 3.20 लाख रुपये निकाल लिये. जांच अधिकारी ने भी सरकारी काम में धांधली की बात स्वीकार की.

जानकारी देते ग्रामीण और जांच अधिकारी

कासगंज के पटियाली ब्लॉक में कुढ़ा ग्राम पंचायत है. यहां पर तैनात पंचायत सचिव सौराष्ट्र सोनकर ने ग्राम पंचायत के खाते से 22 नवंबर 2020 में 3.20 लाख रुपये सड़क पर होने वाली इंटरलॉकिंग के लिए निकाल लिए थे. ये काम अब तक नहीं हुआ. पंचायत सचिव की धांधली का खुलासा सोशल ऑडिट की टीम की जांच में हुआ.

कासगंज के पटियाली ब्लॉक में कुढ़ा ग्राम पंचायत
ग्राम कुढ़ा में सोशल ऑडिट निदेशालय लखनऊ की ओर से जांच अधिकारी विशाल पांडे पहुंचे. उन्होंने बताया कि गांव में इंटरलॉकिंग के नाम पर ग्राम सचिव ने वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत के खाते से 3.20 लाख रुपये निकाले थे. इसका अब तक निर्माण ही नहीं हुआ. वहीं पूर्व ग्राम प्रधान मुकेश कुमार ने बताया कि ग्राम सचिव ने घोटाला किया है.इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क का खड़ंजा उखाड़ा गया तो जो ईंट निकलीं, वो वर्तमान प्रधान अपने घर ले गए. कुछ ईंट का प्रयोग सड़क के किनारे नाली बनाने में किया गया.

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जांच अधिकारी विशाल पांडे ने बताया कि एक इंटरलॉकिंग के काम में पीली ईंट का प्रयोग किया गया, जबकि बिल में अव्वल ईंट के पैसे लिखे गए. साथ ही किसी भी इंटरलॉकिंग के कार्य के बेस में गिट्टी का प्रयोग नहीं किया गया है.

सोशल ऑडिट टीम के मुख्य जांच अधिकारी बीआरपी विशाल पांडे ने कहा कि कागजों में गांव में कराए गए वृक्षारोपण के कार्य में 500 पौधे पांच खेतों में लगाए गए हैं और एक पौधे की कीमत 80 रुपये दर्शाई गई है. वहीं मौके पर जब जांच की गयी, तो पाया गया कि 10 से 15 पौधों की ही रोपाई की गयी थी. जांच में यह सभी तथ्य सही पाए गए हैं.

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