एटा : यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर लचर हैं, इसका ताजा मामला यूपी के एटा जनपद में देखने को मिला. पहले एक व्यक्ति को कुत्ता काटने के बाद उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए. बावजूद इसके व्यक्ति की मौत रेबीज के चलते ही हो गयी.
उससे पूर्व कुत्ता काटने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के लिए परिजनों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ी. यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में शिकायत करनी पड़ी. वहीं पीड़ित परिजनों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं.
दरअसल, मामला एटा जनपद की अलीगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम खैरपुरा का है जहां के रहने वाले राजवीर को 20 अक्टूबर 20021 की सुबह लगभग 4 बजे घर के बाहर सोते समय जंगली कुत्ते ने काट लिया. उसी दिन सुबह लगभग 10 बजे राजवीर के अलीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई.
वैक्सीन की दूसरी डोज 23 अक्टूबर और तीसरी और आखिरी डोज 27 अक्टूबर को लगाई गई जिसके बाद गत 11 नवंबर को राजवीर पानी देखकर घबराने लगा. परिजन अलीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने सुविधा न होने की बात कह कर मरीज को भर्ती नहीं किया.
इसके बाद परिजन एटा जिला अस्पताल ले गए. वहां भी इंकार किए जाने के बाद परिजन एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा ले गए. वहां भी मरीज को भर्ती नहीं किया. उसके बाद 12 नवंबर को परिजन मरीज को आगरा के जिला अस्पताल ले गए. वहां भी डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती किए बिना ही लौटा दिए.
इसे भी पढ़ेःजंगली जानवर के हमले से 4 लोग घायल, अस्पताल से एंटी रेबीज इंजेक्शन गायब