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कासगंज: कृषि विभाग के प्रयासों को लगा झटका, किसानों ने कम पानी की फसलों से बनाई दूरी - paddy crop is increasing rapidly in kasganj

उत्तर प्रदेश के कासगंज के किसान धान की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं. कम पानी वाली फसलें वहां बहुत कम की जा रही है. रबी फसलों के प्रति किसानों की उदासीनता से कृषि विभाग के प्रयासों को भी धक्का लगा है

धान की फसल में हो रही है वृद्धि

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Published : Oct 17, 2019, 1:13 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 3:34 AM IST

कासगंज:केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में धान की फसल का क्षेत्रफल लगातार साल दर साल बढ़ता जा रहा है, जबकि तिलहन और दलहन की खेती कम हो रही है. बता दें कि धान की खेती में पानी की जरूरत ज्यादा होती है, जबकि रबी फसलों में अपेक्षाकृत कम पानी का उपयोग होता है. रबी फसलों के प्रोत्साहन के लिए कृषि विभाग ने जन जागरूकता समेत कई कैंपेन किए थे.

धान की फसल के क्षेत्रफल में हो रही है वृद्धि.
धान की फसल में हो रही है वृद्धिजनपद में धान की फसल के क्षेत्रफल में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. जिले के कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2017-18 के 14,497 हेक्टेयर के मुकाबले 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 16,796 हेक्टेयर हो गया है. देश भर के 256 जिलों में शुमार कासगंज का सदर ब्लॉक पानी के मामले में अति दोहित क्षेत्र में शामिल है. धान की फसल के रकबा में 2017-18 के 2447.55 हेक्टेयर से करीब 400 हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 2019-20 में 2835.69 हेक्टेयर हो गया है.

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जानिए क्या कहा अधिकारी ने
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी रबी की फसलों की बुवाई का समय है. हमारे यहां मुख्य रूप से गेहूं, सरसों, मटर आदि फसलें की जाती हैं. विभाग की तरफ से किसानो को दलहनी और तिलहनी फसलें, जो कम पानी से पैदा होने वाली है, की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

पाठशालाओं का कराया जाता है आयोजन
कृषि अधिकारी ने बताया कि क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल ब्लॉक में एक योजना के तहत स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम किसानों को वितरित किया गया है. इस योजना में बड़े किसानों को 80 और सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने बताया कि यह खरीफ की फसल है. जब इसकी बुआई होती है, तब भी किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाता है. विभाग के कर्मचारी नियमित तौर पर गांव में जाकर किसान पाठशालाओं का आयोजन करते हैं.

किसानों को नहीं दी जाती है उचित जानकारी
वहीं कासगंज ब्लॉक पर आए प्रहलादपुर गांव के किसानों का साफ कहना था कि उनके गांव में कोई भी किसान पाठशाला का आयोजन अभी तक नहीं किया गया. इस गांव के प्रधान ने भी कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में अनभिज्ञता जताई . उनका कहना है कि यहां कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस तरह की जानकारी देने नहीं पहुंचा.

Last Updated : Oct 17, 2019, 3:34 AM IST

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