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कासगंज: जरूरत शिक्षित कोटेदार की थी, प्रशासन अनपढ़ पर हुआ मेहरबान

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Published : Jul 21, 2019, 7:25 PM IST

यूपी के कासगंज में कोटेदार के चुनाव में प्रशासन की धांधली का मामला सामने आया है. यहां सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का डीलर चुने जाने के लिए शिक्षित उम्मीदवार की मुनादी कराई गई थी. बावजूद इसके एक अनपढ़ आवेदक को विजयी घोषित कर दिया गया.

कागगंज में कोटेदार के चुनाव में धांधली.

कासगंज: जनपद में कोटा आवंटन को लेकर हुई खुली बैठक में धांधली का मामला सामने आया है. बैठक में कोटा डीलर के लिये चुने गए आवेदनकर्ता को अनपढ़ होने के बावजूद विजयी घोषित कर दिया गया. इसके बाद हारे हुए आवेदक ने प्रशासन से दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की है. इस मामले में एडीओ पंचायत का कहना है कि एसडीएम मामले की जांच करेंगे.

कासगंज में कोटेदार के चुनाव में धांधली का आरोप.

क्या है पूरा मामला

  • पटियाली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम नरथर में कोटा आवंटन हेतु खुली बैठक का आयोजन किया गया था.
  • बैठक से एक दिन पूर्व नियमों की जानकारी देने हेतु मुनादी भी कराई गई.
  • मुनादी में जानकारी दी गई थी कि अनपढ़ व्यक्ति कोटेदार के लिए पात्र नहीं होगा.
  • कोटा डीलर के चुनाव में 2 प्रत्याशी सोनी देवी और बीना देवी मैदान में थीं.
  • एडीओ पंचायत चोखेलाल की अध्यक्षता में चुनाव संपन्न हुआ जिसमें सोनी देवी विजयी घोषित की गईं.
  • दूसरी प्रत्याशी बीना देवी की तरफ से विजयी प्रत्याशी सोनी देवी पर अनपढ़ होने का आरोप लगाया गया.
  • बीना देवी के भाई गजेंद्र सिंह ने इस संबंध में एडीओ पंचायत को पत्र देकर आपत्ति दर्ज कराई.
  • एडीओ पंचायत ने भी माना कि सोनी देवी की ओर से कोई शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया गया था जबकि हारे हुए प्रत्याशी ने चुनाव से पहले ही सारे दस्तावेज जमा करा दिए थे.

मुनादी कराई गई थी कि अनपढ़ व्यक्ति कोटेदार बनने का पात्र नहीं है लेकिन उसके लिए डिग्री धारक होने की जरूरत भी नहीं है. कोई भी पढ़ने-लिखने वाला व्यक्ति आवेदन कर सकता है. जहां तक शैक्षणिक दस्तावेजों का सवाल है तो विजयी प्रत्याशी ने कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया था. विजयी प्रत्याशी अनपढ़ है या नहीं इसकी जांच एसडीएम करेंगे.
-चोखे लाल, एडीओ

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