कासगंज: योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन आधी-अधूरी योजनाएं ही लोगों तक पहुंच पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला कासगंज जनपद की पटियाली ब्लॉक के ग्राम गढ़िया धौकल से सामने आया है. यहां की निवासी करुणा जो एक सरकारी स्कूल में रसोइया का कार्य करती है, जिसके एवज में उसे मात्र एक हजार रुपये महीना मिलता है और उसी से उसका घर खर्च चलता है.
ईटीवी भारत संवाददाता ने परिवार के सदस्यों से बातचीत की. पति को है गले में कैंसर
दरअसल, करुणा के पति के गले में कैंसर है, जिसके चलते करुणा की डेढ़ बीघा जमीन भी इलाज की भेंट चढ़ गई. अब करुणा का परिवार झोपड़ी में रहता है. बारिश के मौसम में परिवार को दूसरे घर में शरण लेनी पड़ती है. करुणा के परिवार की आर्थिक तंगी का आलम यह है कि उनके दो बेटे अंकित ने नवीं और गुलशन ने ग्यारहवीं की पढ़ाई इसी वर्ष छोड़ दी है.
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बचत के रुपये से होता है कैंसर का इलाज
उनके पास इतने पैसे नहीं है कि अभी आगे की कक्षा में एडमिशन ले सकें. परिवार जो पैसे मेहनत मजदूरी करके बचाता है, वो पिता के कैंसर के इलाज में लग जाते हैं. गांव वालों से खाने-पीने का सामान मिल जाता है, जिसके सहारे वह जीवन यापन कर रहे हैं.
उज्ज्वला व सौभाग्य योजना का मिला लाभ
ऐसे में परिवार को एक बड़ी सरकारी मदद की दरकार है. गनीमत है कि परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला हुआ है और सौभाग्य योजना के तहत बिजली का फ्री कनेक्शन मिला हुआ है.
परिवार ने लगाई मदद की गुहार
करुणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी से आवास दिलाने और पति के कैंसर के इलाज का खर्च उठाने की मांग की है. वहीं करुणा के दोनों बेटों ने योगी सरकार से उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद की गुहार लगाई है.
मामले की जांच कराई जाएगी और मैं स्वयं मौके पर जाकर इस मामले का निरीक्षण करूंगा. अगर वंचित सूची में उसका नाम होगा और अगर नहीं होता है तो उसका नाम वंचित सूची में दर्ज कराकर उसके लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी. आर्थिक मदद दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
एसएन श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी