कासगंज:जिले में किस कदर मानकों को ताक पर रख कर विकास कार्य कराए जा रहे हैं. इसकी बानगी जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाई गई एक सड़क में देखने को मिली. जहां सड़क बनने के एक माह बाद ही सड़क के किनारे गड्ढों का समतलीकरण नहीं किया गया. जब कि नियमानुसार सड़क बनने के साथ ही दोनों किनारों के गड्ढों में मिट्टी डालकर समतलीकरण कराया जाता है. ईटीवी भारत ने पीडब्ल्यूडी विभाग की उस सड़क का रियलिटी चेक किया है.
कासगंज जिले की पटियाली तहसील क्षेत्र के रुदायन पहरा मार्ग (rudayan guard road) पर ग्राम तिगरा ताजपुर के निकट विगत 10 वर्षों से 400 मीटर सड़क अत्यंत जर्जर हालत में थी. सड़क में बारह महीने जल भराव रहता था. जिससे सड़क में बड़े -बड़े गड्ढे हो गए थे. आए दिन वाहन पलटते से दुर्घनाएं होती थीं. दो बार इस खबर को प्रमुखता के साथ दिखाया गया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आवश्यकता को देखते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग ने अब जाकर इसका निर्माण कार्य कराया है.
पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से सड़क बनाने में बरती गई लापरवाही! अभी तक नहीं भरे सड़क के किनारे गड्ढे
कासगंज में पटियाली तहसील क्षेत्र के रुदायन पहरा मार्ग पर ग्राम तिगरा ताजपुर के निकट विगत 10 वर्षों से 400 मीटर सड़क अत्यंत जर्जर हालत में थी. पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department) द्वारा इस सड़क को सीमेंटेड कराया गया है. सड़क को बने हुए एक माह हो चुका है न तो विभाग द्वारा सड़क पर जमी मिट्टी को हटाया गया है और न ही सड़क के दोनों ओर बने गड्ढों को मिट्टी से समतल किया है.
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पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा 400 मीटर इस सड़क का निर्माण सीमेंटेड कराया गया है. सड़क को बने हुए एक माह हो चुका है न तो विभाग द्वारा सड़क पर जमी मिट्टी को अब तक हटाया गया है और न ही सड़क के दोनों ओर बने गड्ढों को ही मिट्टी से समतल किया है. जब कि नियम है कि सड़क निर्माण के समय ही सड़क के दोनों छोरों का समतलीकरण कराया जाता है और सड़क को साफ किया जाता है. ग्रामीणों की मानें तो सीमेंटेड सड़क पर पानी से पर्याप्त तराई भी नहीं कराई गई है, जिससे सड़क कमजोर रहेगी. दरअसल सीमेंटेड सड़कों पर कई दिनों तक पानी से तराई की जाती है.
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