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ऑनलाइन कोचिंग से तैयारी कर दिग्विजय सिंह बने IAS, जानिए इनके सफलता की कहानी - डॉक्टर दिग्विजय सिंह 347 वीं रैंक हासिल कर बने IAS

कासगंज की पटियाली तहसील के छोटे से गांव जिनौल निवासी दिग्विजय सिंह चौहान ने UPSC परीक्षा 2022 में 347 वीं रैंक हासिल किया है. दिग्विजय सिंह का गांव पहुंचने पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया.

डॉक्टर दिग्विजय सिंह 347 वीं रैंक हासिल कर बने IAS
डॉक्टर दिग्विजय सिंह 347 वीं रैंक हासिल कर बने IAS

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Published : Jun 3, 2023, 8:27 PM IST

Updated : Jun 3, 2023, 9:31 PM IST

ऑनलाइन कोचिंग से तैयारी कर दिग्विजय सिंह बने IAS

कासगंज:UPSC परीक्षा 2022 में 347 वीं रैंक हासिल करने के बाद गांव जिनौल निवासी दिग्विजय सिंह शनिवार को कानपुर से पटियाली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ग्रामीण और परिजनों बैंड बाजे के साथ स्वागत किया. इस दौरान दिग्विजय सिंह चौहान ने ईटीवी भारत से अपनी सफलता का मंत्रा शेयर किया.

UPSC परीक्षा पास कर कासगंज पहुंचे डॉक्टर दिग्विजय सिंह चौहान

दिग्विजय सिंह ने बताया कि उनके पिता जगनन्दन सिंह चौहान सेना से रिटायर्ड नायब सूबेदार हैं. पिता की नौकरी के समय मे स्थानांतरण होने के चलते उनका जन्म जम्मू में 1 अप्रैल 1995 को हुआ था. जन्म के कुछ समय बाद पिता का तबादला गुजरात हो गया. पहली से कक्षा 4 तक की शिक्षा उनकी गुजरात के सुरेंद्र नगर में हुई. इसके बाद की 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई कानपुर के चकेरी स्थित केंद्रीय विद्यालय में हुई. इसके बाद 2014 से लेकर 2019 तक पांच वर्ष की बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) में स्नातक किया. दिग्विजय सिंह ने बताया कि 2021 में नेशनल कमीशन फॉर एलआईड हेल्थ केयर प्रोफेशनल एक्ट पास हुआ है. जिसमे फिजियोथेरेपिस्ट को डॉक्टर लगाने का अधिकार दिया गया है. बशर्ते अपने नाम से पहले डॉक्टर लगाने के बाद (पीटी) लगाना अनिवार्य है. जिस वजह से वह अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं.

UPSC परीक्षा में 347 वीं रैंक हासिल कर IAS बने डॉक्टर दिग्विजय सिंह चौहान

दिग्विजय सिंह ने बताया कि बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी खत्म होने के बाद से UPSC की तैयारी शुरू कर दी और 2020 में पहला अटेम्प्ट दिया, जिसमें सफल नहीं हो सके. इसके बाद मुंबई में रहकर दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान से ऑनलाइन तैयारी की. इसके बाद 2022 में दूसरा अटेम्प्ट दिया, जिसमें उन्हेंने 347वीं रैंक हासिल करते हुए सफलता प्राप्त की.डॉक्टर दिग्विजय सिंह चौहान ने बताया कि मुंबई में एक निजी कंपनी में कार्यरत बड़े भाई रनविजय सिंह चौहान ने यूपीएससी की तैयारी में पूरा सहयोग किया. इसी के साथ माता-पिता ने हर कदम पर स्पोर्ट किया. दिग्विजय सिंह चौहान की सफलता से उनके गांव क्षेत्र के लोग उत्साहित हैं. उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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Last Updated : Jun 3, 2023, 9:31 PM IST

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