कासगंज:UPSC परीक्षा 2022 में 347 वीं रैंक हासिल करने के बाद गांव जिनौल निवासी दिग्विजय सिंह शनिवार को कानपुर से पटियाली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ग्रामीण और परिजनों बैंड बाजे के साथ स्वागत किया. इस दौरान दिग्विजय सिंह चौहान ने ईटीवी भारत से अपनी सफलता का मंत्रा शेयर किया.
दिग्विजय सिंह ने बताया कि उनके पिता जगनन्दन सिंह चौहान सेना से रिटायर्ड नायब सूबेदार हैं. पिता की नौकरी के समय मे स्थानांतरण होने के चलते उनका जन्म जम्मू में 1 अप्रैल 1995 को हुआ था. जन्म के कुछ समय बाद पिता का तबादला गुजरात हो गया. पहली से कक्षा 4 तक की शिक्षा उनकी गुजरात के सुरेंद्र नगर में हुई. इसके बाद की 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई कानपुर के चकेरी स्थित केंद्रीय विद्यालय में हुई. इसके बाद 2014 से लेकर 2019 तक पांच वर्ष की बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) में स्नातक किया. दिग्विजय सिंह ने बताया कि 2021 में नेशनल कमीशन फॉर एलआईड हेल्थ केयर प्रोफेशनल एक्ट पास हुआ है. जिसमे फिजियोथेरेपिस्ट को डॉक्टर लगाने का अधिकार दिया गया है. बशर्ते अपने नाम से पहले डॉक्टर लगाने के बाद (पीटी) लगाना अनिवार्य है. जिस वजह से वह अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं.