कासगंज: जिले में किसान अन्य फसलों के अलावा बड़ी मात्रा में धान की खेती करते हैं. समय से बारिश न होने के चलते और पानी के अभाव में धान की रोपाई में देरी हुई है. अभी कुछ दिनों पहले ही धान की रोपाई की गई है. लेकिन इस समय धान की फसल पर बकानी रोग का साया मंडरा रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने इस रोग के लक्षण और इससे बचाव के उपाय बताए.
जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बकानी रोग के लक्षण और इससे बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि बकानी रोग अक्सर कम समय मे तैयार होने वाली सुगंधीय धान की फसलों जैसे 1509,1504,1505 सुगंधा में फसल की शुरुआती स्थिति में जब तापमान ज़्यादा होता है, तब इस रोग की संभावना ज्यादा प्रबल हो जाती है.
बकानी रोग के लक्षण
सुमित चौहान ने बताया कि इस रोग के लक्षण रोपाई करने के दो से तीन सप्ताह में दिखाई देने लगते हैं. इसमें रोग ग्रस्त पौधा अन्य पौधों की अपेक्षा अधिक लम्बा हो जाता है. जिसके कारण इसे झण्डा रोग भी कहते हैं. वातावरण में अत्याधिक आद्रर्ता होने पर सड़न भी देखी गयी है. जिससे संक्रमित पौधा सड़ कर समाप्त हो जाता है और यदि यह पौधा नष्ट नहीं हाता तो इसकी बढ़वार सामान्य से अधिक हो कर बालियां तो बनती है, किन्तु इन बालियों में दाने नहीं पड़ते, जिससे फसल के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. यह रोग फ्यूजेरियम नाम फफूंदी के संक्रमण से होता है तथा बीज जनित रोग है और संक्रमित बीज के द्वारा पौधों में संक्रमण होता है, तथा बाद में खड़ी फसल में इस रोग में बीजाणु हवा द्वारा फैलकर स्वस्थ्य पौधों को भी संक्रमित कर देते है.