कानपुर: कहा जाता है कि अगर इंसान के अंदर हुनर या प्रतिभा हो तो वह कोई भी काम कर सकता है. जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे देश की आधी आबादी यानी महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं. वह अपनी मेधा से यह साबित कर चुकी हैं कि उनके अंदर जो टैलेंट है, उसके चलते वह पुरुषों के बराबर काम करके दिखा सकती हैं.
इसी सोच को विस्तार मिल सके और महिलाएं ही बस चला सकें. इस मकसद के साथ कानपुर के विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग, ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में महिला चालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आठ मार्च 2021 को इस काम की शुरुआत उक्त इंस्टीट्यूट में हुई थी. हालांकि, उस समय कोरोना का दौर था. इस वजह से महिला चालकों को बहुत ही सावधानी के साथ प्रशिक्षित किया गया. मगर, साल 2022 से लेकर जुलाई 2023 के बीच 17 महिला बस चालक ऐसी तैयार हो गईं. जिन्हें परिवहन निगम के जिम्मेदार अफसरों ने जैसे ही स्टेयरिंग की कमान सौंपी तो वह भी विभिन्न रुटों पर बसों को लेकर दौड़ पड़ीं.
खर्च का जिम्मा कौशल विकास निगम पर: इस पूरे मामले पर इंस्टीट्यूट के प्राचार्य एसपी सिंह ने बताया कि इस कवायद को लेकर साल 2021 में यूपी सरकार के निर्देश पर परिवहन निगम व कौशल विकास निगम के बीच करार हुआ था. करार के तहत हर बैच में 20 लड़कियों को हमें महिला चालक के तौर पर प्रशिक्षण देना है. 17 महिला चालकों का बैच प्रशिक्षण लेकर फील्ड पर है. 20 लड़कियों का बैच जल्द शुरू होने वाला है. उन्होंने दावा किया कि देश में केवल कानपुर में ही इस तरह से महिला चालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं, प्रशिक्षण का पूरा खर्च कौशल विकास निगम के जिम्मे रहता है.