कानपुर:ट्रेनों के संचालन शुरू होने के बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन परिसर में फूड प्लाजा व स्टॉल खुलने से यात्रियों को राहत मिल गई है, लेकिन वेंडरो को नहीं. क्योंकि अभी भी रेल यात्रियों को कोरोना का डर है और यात्री बाहर का खाना खाने से डर रहे हैं. इसके चलते खुले हुए स्टालों पर बिक्री नहीं हो पा रही है. वहीं बिक्री न होने से वेंडरों को घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.
स्टेशनों पर खुल गए फूड प्लाजा व स्टॉल, लेकिन दुकानदार हैं परेशान - कानपुर सेंट्रल स्टेशन
लॉकडाउन और अनलॉक के बाद सरकार की तरफ से ट्रेनों के आवागमन को हरी झंडी मिल गई है. वहीं कानपुर सेंट्रल स्टेशन परिसर में फूड प्लाजा व स्टॉल खुलने से यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा हुआ है, लेकिन कोविड-19 के चलते यात्री अभी भी बाहर का खाना खरीदने में हिचकिचा रहे हैं. इससे बिक्री न होने से वेंडरों को घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.
कानपुर सेंट्रल स्टेशन से इस समय 26 ट्रेनें गुजर रही हैं. यहां से लगभग 20 से 22 हजार यात्रियों को रोजाना आवागमन हो रहा है. वहीं फूड प्लाजा में नाश्ते के साथ खाना भी तैयार किया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते रेलवे ने ट्रेनों और स्टेशनों पर पके हुए खाने की बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब वही 6 महीने बाद पके हुए खाने की दोबारा बिक्री शुरू हो गई है.
सेंट्रल स्टेशन पर फूड प्लाजा में यात्रियों को खाना मिलने लगा है, लेकिन यात्रियों को वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं दी गई है. सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म पर बने 25 स्टॉलों पर भी पैक खाना मिलने लगा है. वहीं स्टॉल खोलने से वेन्डर को काम तो मिल गया है, लेकिन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम होने से बिक्री अभी भी कम हो रही है और जो यात्री यात्रा कर रहे हैं. वे स्टेशन से सामान लेने से बच रहे हैं. सेंट्रल स्टेशन पर बने 25 स्टॉल पर तकरीबन 500 लोग काम करते हैं.