कानपुर: वैसे तो शहर के एलएलआर अस्पताल (Halat Hospital) से आए दिन ही मरीजों व तीमारदारों द्वारा हंगामे के मामले सामने आते रहते हैं. मंगलवार देर रात छावनी क्षेत्र निवासी हर्ष यादव के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन ने मृतक हर्ष के दोनों पैर गायब कर दिए है.
इस पूरे मामले की जानकारी जब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.संजय काला को मिली तो वह अन्य प्रशासनिक अफसरों संग हैलट पहुंचे. यहां उन्होंने परिजनों से बात की और बताया, कि ऐसे मामलों में नियमानुसार कटे अंग तभी दिए जाते हैं जब किसी मजिस्ट्रेट की अनुमति हो. बिना पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की अनुमति के वह कटे अंग नहीं दे सकते हैं. इसके बाद परिजनों की मांग पर एसीएम-6 को मौके पर बुलाया गया और मृतक हर्ष यादव के दोनों कटे पैर परिजनों को सौंपे गए. प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया, कि ऐसे मामलों में बहुत गंभीरता से फैसला करना होता है. परिजनों का जो आक्रोश था, वह एसीएम से वार्ता के बाद खत्म हो गया.
अधिक खून बहने से हुई थी मौत
जीएसवीएम मेडिकल कालेज (GSVM Medical College) के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि रिक्शा चालक हर्ष यादव को जब परिजन हैलट अस्पताल लेकर आए थे तब उसके दोनों पैर कटे हुए थे. बहुत अधिक खून बह चुका था और तमाम जरूरी आर्टरी भी कट गई थीं. ऐसे में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने पूरी कोशिश की कि हर्ष की जान बच जाए मगर, खून ज्यादा बहने से उसे बचाया नहीं जा सका.