कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के क्राइम ग्राफ के बारे में बताते संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में एक पुलिस थाना ऐसा है जिसके नाम से भूत भी थर्राते होंगे. ऐसा माना जा रहा है. इस थाने को चकेरी थाने के नाम से जाना जाता है. दरअसल, यहां अपराध की ऐसी स्थिति है कि अफसरों के पास आए दिन ही बड़े मामलों की सूचना फोन या अन्य माध्यमों से पहुंचती है. 10 सितंबर को जमीन कब्जाने का एक ऐसा मामला इस थाने में दर्ज हुआ, जिसकी गूंज मुख्यमंत्री कार्यालय तक हो गई.
एक किसान ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी. इस मामले में खुलेआम चर्चित भाजपा नेता का नाम सामने आ गया. यह कोई नया या अनोखा मामला नहीं था. फिर भी मामला चर्चित हो गया. इस थाने के अंतर्गत भू-माफिया द्वारा जमीन पर कब्जे, उसके बाद हत्या हो जाना, गांजा से लेकर नशे के सामानों की तस्करी, धर्म परिवर्तन, लूट समेत अपराधों की श्रेणी में शामिल अन्य प्रकार के अपराध भी शामिल हैं. कई मामले तो भाजपा नेताओं के खिलाफ भी दर्ज हो चुके हैं.
क्यों कानपुर के चकेरी थाने में हो रहे इतने अपराध 2023 में सवा सात सौ मुकदमे दर्ज हो गए: अब बात इस थाने में दर्ज मुकदमों की करें, तो यह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे कि साल 2023 में 10 माह के अंदर सवा सात सौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. पुलिस विभाग के जानकार बताते हैं कि इतने मुकदमे तो अन्य कई थानों को मिलाकर अभी तक दर्ज नहीं हुए. ऐसे में साफ है कि पुलिस अपराध नियंत्रण को लेकर जो बड़े-बड़े दावे करती है, वह चकेरी थाने की स्थिति को देखते हुए फेल साबित हो रहे हैं.
चकेरी में क्यों होते हैं इतने ज्यादा अपराधःसंयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि ऐसा नहीं है, कि चकेरी में सबसे अधिक क्राइम होता है. कुछ थानों का एक नेचर होता है, जहां अपराध होते ही हैं. इनके तमाम कारण हैं. यहां प्रवासियों का बसना, नए क्षेत्र का विस्तार होना, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना आदि अन्य कारण शामिल हैं. यह जरूर है कि कानपुर में 60 से 70 प्रतिशत अपराध चकेरी, कल्याणपुर समेत तीन चार थानों में दर्ज होता है. अधिकतर मामलों में पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को अरेस्ट कर लेती है. कई में विवेचना जारी है.
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