कानपुर: जब कोई सरकारी योजना क्रियान्वित होती है, तो अफसरों को यह डर हमेशा सताता है कि कहीं उसमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो और किरकिरी हो जाए. ऐसे में जो जिम्मेदार हैं, उनकी समय-समय पर मानीटरिंग होती है. वहीं, एक हकीकत यह भी है कि खेल करने वाले खेल कर ही लेते हैं.
कागजों में पहुंचाया हर घर में नल, फर्जीवाड़ा पर कंपनी ब्लैक लिस्टेड
यूपी के कानपुर में जब जल निगम विभाग में घोटाला सामने आया है. हर घर नल योजना के तहत कंपनी ने कागजों पर ही नल लगवाकर पैसा ले लिया.
इसी तरह का एक मामला शहर के विकास भवन से सामने आया. यहां मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने केंद्र व राज्य के सहयोग से संचालित हर घर नल योजना का जब सत्यापन कराया तो सामने आया कि कार्यदायी संस्था ने जो आंकड़े तैयार किए वह केवल कागजों पर ही थे. धरातल पर उन घरों में न तो कनेक्शन लगाया गया, न ही कोई दूसरा काम हुआ. अब, कार्यदायी कंपनी वीएसथ्री को काली सूची में रखने के लिए सीडीओ ने शासन के निर्देश पर कार्रवाई कर दी है. शासन को इस मामले की जानकारी भी दे दी गई है.
जल निगम एक्सईएन का दावा, फर्जीवाड़ा नहीं हुआ:वहीं, इस पूरे मामले पर जब जल निगम के एक्सईएन पाती राम से बात की गई, तो उन्होंने बताया शहर के ग्रामीण परिवेश के 806 गांव इस योजना के लिए चिन्हित हुए हैं. इन सभी गांवों में कुल 1,13187 घर ऐसे हैं जहां कनेक्शन होने हैं. इनमें से 47050 घरों में कनेक्शन किए जा चुके हैं. उन्होंने दावा किया, कि कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है. जब उन्हें बताया गया कि सीडीओ ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए शासन में पत्र भेज दिया है, तो उनका जवाब था कि दो कंपनियां इस काम के लिए तय हुई हैं. अगर किसी एक को काली सूची में रख देंगे तो काम कौन करेगा. वहीं, इस योजना में मई 2024 तक सभी घरों में नल से जल पहुंचाने की बात भी कही गई है.
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