कानपुरःअवैधधर्मांतरण मामले में एटीएस के साथ सूफी इस्लामिक बोर्ड लगातार सरहद पार से हो रही साजिश को बेनकाब कर रहा है. इस मामले में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी ने अब बड़ा खुलासा किया है. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कुछ ऐसे वीडियो मीडिया के सामने रखे हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि सरहद पार से न सिर्फ धर्मांतरण बल्कि मूक बधिर बच्चों को धर्मांतरण कराने का टारगेट फिक्स किया गया है. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मजबूर और मूक बधिर लोग इनके बहुत अच्छे टारगेट होते हैं. मजीदी का दावा है कि उमर गौतम भी दावते इस्लामी की तर्ज पर देश में धर्मांतरण करा रहा था.
सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कानपुर में दावते इस्लामी को चंदा दिए जाने का दावा करने के बाद एक और प्रमाण सामने रखा है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी की मानें तो दावते इस्लामी और मदनी चैनल देश में धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रहे हैं. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मदनी चैनल के जरिए लोगों को गैर मुस्लिमों को इस्लाम की तरफ प्रेरित करके उनका धर्म परिवर्तन कराने के लिए उकसाया जा रहा है. इसके सबूत के रूप में कुछ वीडियो सूफी इस्लामिक बोर्ड ने मीडिया के सामने रखे हैं.
दावते इस्लामी और मदनी चैनल बनाते हैं मूक-बधिर बच्चों को निशाना
इससे पहले बोर्ड ने ये दावा किया था कि दावते इस्लामी पाकिस्तान की वह संस्था है, जिसका काम लोगों का धर्म परिवर्तन करा कर उन्हें मुस्लिम बनाना है. अब ये दावते इस्लामी और मदनी चैनल गरीब और मूक बधिर लोगों को निशाना बना रहे हैं. मदनी चैनल के जरिए लोगों को इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कौसर हसन मजीदी ने कहा कि जांच में ये भी सामने आया है कि दावते इस्लामी की जड़े कानपुर में काफी गहरी हैं. धर्मांतरण में लगे लोगों की फंडिंग के लिए दान लिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ऐसे लोग सक्रिय हैं.