जयपुर:राजधानी जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में 10 लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए श्रीगंगानगर जिले के जवाहर नगर थाने के कांस्टेबल नरेश चंद्र मीणा से एसीबी मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है. रिश्वतखोरी के इस पूरे प्रकरण में फरार हुए जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग के झुंझुनू स्थित पैतृक आवास, श्रीगंगानगर के सरकारी आवास और कार्यालय में भी छापे मारे जा रहे हैं. एसीबी के हत्थे चढ़े आरोपी कांस्टेबल से हो रही पूछताछ में अनेक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. आरोपी कांस्टेबल ने परिवादी के अलावा कानपुर और लखनऊ के कुछ अन्य व्यापारियों से भी रिश्वत राशि ली है.
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एनडीपीएस एक्ट का दिखाया डर
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले एक फार्म व्यापारी को एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करने और गिरफ्तार करने का डर दिखाकर रिश्वत लेने का यह षड्यंत्र रचा गया. श्रीगंगानगर जिले के सदर थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करते हुए एक प्रकरण दर्ज किया. इसकी जांच जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग को दी गई.
15 लाख वसूले गए
नशीली गोलियों के कारोबार में कानपुर व्यवसाई की फार्मा फर्म की भूमिका सामने नहीं आने के बावजूद भी थानाधिकारी सियाग ने व्यापारी को नोटिस दे दिया. उसके बाद 18 सितंबर को जवाहर नगर थाने से कांस्टेबल नरेश चंद मीणा और एक एएसआई सोहन लाल परिवादी की कानपुर स्थित दुकान पर पहुंचे और एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में गिरफ्तार करने का डर दिखाकर 15 लाख रुपये वसूल लिए.
25 लाख की फिर मांगी गई रिश्वत
इसके कुछ समय बाद कांस्टेबल नरेश चंद मीणा ने फिर से कानपुर पहुंचकर फार्मा व्यापारी से 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की. जिस पर फार्मा व्यापारी ने 1 लाख रुपए देकर कांस्टेबल को शेष राशि कुछ ही दिनों में देने की बात कह कर फिर से श्रीगंगानगर के लिए रवाना किया.
फार्मा व्यापारी के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद दिल्ली पहुंचा कांस्टेबल
जब फार्मा व्यापारी ने 25 लाख रुपये की रिश्वत समय पर नहीं दी तो एक बार फिर से आरोपी कांस्टेबल नरेश चंद मीणा कानपुर पहुंच गया. कानपुर पहुंच कर फार्मा व्यापारी को सोशल मीडिया के जरिए कॉल कर 25 लाख रुपये की रिश्वत देने को कहा. इस पर फार्मा व्यापारी ने स्वयं के कोरोना संक्रमित होने और दिल्ली में उपचार लेने की बात बताई.
इस पर आरोपी कांस्टेबल ने फार्मा व्यापारी को एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में गिरफ्तार करने का भय दिखा कर व्यापारी से स्वयं की दिल्ली की फ्लाइट बुक करवाई और व्यापारी से मिलने दिल्ली पहुंच गया. वहां व्यापारी के कोरोना संक्रमित होने पर सौदा 25 लाख की बजाय 10 लाख रुपये में तय किया गया.
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ऐसे हुई गिरफ्तारी
रिश्वत के 10 लाख रुपये व्यापारी के चाचा द्वारा जयपुर लाए गए और आरोपी कांस्टेबल को दिए गए. इस पर एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कांस्टेबल नरेश चंद मीणा को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी कांस्टेबल नरेश मीणा के मोबाइल से थानाधिकारी राजेश सियाग से की गई सोशल मीडिया चैट के आधार पर यह बात सामने आई कि थानाधिकारी ने ही कांस्टेबल के माध्यम से व्यापारी से रिश्वत राशि मांगी थी. हालांकि, आरोपी थानाधिकारी राजेश सियाग फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है.