कानपुर में अवैध प्लॉटिंग के मामले में गठित होगी SIT - कानपुर न्यूज़
कानपुर में गंगा बैराज के आसपास इलाके में जमीन कब्जे और अवैध कॉलोनी बनाने को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है. एसआईटी से जांच की संस्तुति अपर मुख्य सचिव को भेज दी गई है.
कानपुरः गंगा बैराज के आसपास के इलाके में अवैध रूप से जमीन कब्जे और अवैध कॉलोनी बनाने का मामला अब टूल पकड़ता जा रहा है. ये मामला जब सामने आया था तो सिर्फ कानपुर नगर में नहीं बल्कि प्रदेश में भी इस मामले पर खूब राजनीति हुई. वहीं अब इस मामले पर शासन प्रशासन दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए एसआईटी से जांच की संस्तुति अपर मुख्य सचिव को भेज दी गई है, और जल्द इस मामले में एसआईटी जांच होगी, जिसके बाद इस मामले में कई अफसरों की मुसीबत बढ़ने वाली है. जांच के बाद कई आईएस, पीसीएस, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार लटक रही है. जब अवैध रूप से हजारों हेक्टेयर में अवैध कॉलोनी बन रही थी तो अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. लगातार अनदेखी करते रहे, जिसकी वजह से सरकारी जमीन और पुलिस विभाग की जमीन पर कब्जा हो गया.
जल्द गठित होगी एसआईटी
इस मामले में जब कानपुर डीएम आलोक तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि एसआईटी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व को संस्तुति भेज दी गई है, और साथ ही मुख्यमंत्री के सचिव को भी इसकी प्रतिलिपि भेज दी है. अब जल्द ही एसआईटी गठित हो जाएगी और जांच में जो दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई भी होगी.
जल्द करवाएंगे सीमांकन
मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने इस मामले में कहा कि गंगा बैराज के आसपास सुनियोजित विकास बहुत ही जरूरी है इसके लिए समिति का गठन किया गया है. जल्द ही इसके सीमांकन का काम शुरू होगा. अब इस क्षेत्र में अवैध निर्माण नहीं होंगे यदि कोई करेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करी जाएगी.
एक एसडीएम ने लगाई थी दाखिल खारिज पर रोक
गंगा बैराज के आप पास बड़े भूखंड में कब्जे में सबसे चौकने वाली बात ये है कि किसी भी भूखंड की रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज की जिम्मेदारी तहसीलदार की होती है लेकिन भूखंड का सीमांकन न होने के बाद भी सैकड़ों भूखंड का दाखिल खारिज हो गया. ऐसे में जिसने जहां चाहा वहां पर कब्जा किया. इसी वजह से सरकारी भूमि पर भी कब्जे होते गए और इन सभी कब्ज़ों में सबसे चौंकाने वाली बात सामने ये आयी है कि किसी भी एसडीएम ने दाखिल खारिज पर रोक नहीं लगाई. कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य विभाग के अफसरों की थी जिसके चलते ग्राम समाज की भूमि यहाँ तक की सड़क तक में कब्जा नहीं रोका गया. इसे रोकने के बजाए ग्राम प्रधान ने भी अवैध कॉलोनी बसानी शुरू कर दी।
इन विभाग के अफसर पर गिर सकती है गाज
गंगा बैराज के आसपास कब्जे होने में कई विभागों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. जिस वजह से यह मामला इतना बढ़ गया कि यहां पर आसपास इलाके में अवैध प्लाटिंग तक हो गई. अब ऐसे में जांच रिपोर्ट आने के बाद केडीए में पूर्व में तैनात उपाध्यक्ष सचिव तहसीलदार पर कार्रवाई हो सकती है. वहीं सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग पर भी गाज गिरनी तय है.
इतनी जमीन पर हो गया कब्ज़ा
गंगा बैराज के कटरी शंकरपुर सराय- 398.9538 हेक्टेयर
लुधवाखेड़ा- 223.842 हेक्टेयर
लक्ष्मी खेड़ा- 875. 9750 हेक्टेयर
यह सभी आंकड़े ग्राम समाज और सरकारी जमीन पर कब्जे के है.
सीमांकन न होना कब्जे की मुख्य वजह
गंगा बैराज के पास इतनी बड़ी मात्रा में जमीन कब्जा होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि, यहां पर सीमांकन नहीं हो पाया है. जिस वजह से यह नहीं पता कि कौन सी जमीन ग्राम समाज की कौन सी सिंचाई विभाग की और कौन सी पुलिस की है. जिस वजह से कई बार यहां पर किसान अपनी जमीन बेच देते हैं और खरीददार यहां पर अवैध रूप से सरकारी भूमि को भी उसमें शामिल कर अवैध कॉलोनी बना रहे हैं. इन कॉलोनियों का ना तो लेआउट पास है और ना ही ये जानकारी है कि जमीन किससे खरीदी गई है.