कानपुर: परीक्षा से पहले की पढ़ाई और सालभर की पढ़ाई में अंतर होता है, यह तनाव का कमाल है. इसलिए तनाव को निगेटिव न लेकर पॉजिटिव लेना सीख लें तो तनाव गायब हो जाएगा. यह बातें एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर कहीं. वे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सेमिनार में कोरोना विजेताओं को भी सम्मानित किया गया. मेडिसिन विभाग के सभागार में मेडिकल कॉलेज के सभी सीनियर फैकल्टी और डॉक्टर्स मौजूद रहे.
तनाव को परेशानी नहीं, अपने लिए मौका समझें
सेमिनार के मुख्य अतिथि एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि तनाव अंदर और बाहर दोनों रूप में हो सकता है. पहले जब मैंने पुलिस में सेवा देनी शुरू की तो किसी मर्डर, लूट की खबर मिलते ही हार्ट बीट बढ़ जाती थी. यह महसूस होता था कि यह क्राइम हमने किया है. यह जो एक्सपीरियंस है इसमें स्ट्रेस बढ़ जाता था, लेकिन अब सूचना मिलने के बाद यह कुछ कर दिखाने का मौका जैसा लगता है. पहले वाली रिएक्शन नहीं होती है. इससे एक किक या थ्रिल मिलता है. यदि हम तनाव को अपने लिए मुश्किल मान लें तो जिदगी भर अलग-अलग मामलों में तनाव हैं. ऐसे तो पूरी जिदगी हम कभी भी रिलैक्स नहीं हो पाएंगे. फिर जो प्रकृति ने हमें बचाव के लिए दिया वो नुकसान का काम करेगा. अगर हम इसको समझ जाएं तो स्ट्रेस को निगेटिव से पॉजिटिव में बदल सकते हैं. आपको स्ट्रेस में मजा आने लगेगा और आप उसका उपयोग कर पाएंगे.
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