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20 देशों के वैज्ञानिकों ने एनएसआई के शुगर क्वालिटी असेसमेंट पर लगाई मुहर

20 देशों के वैज्ञानिकों ने एनएसआई के शुगर क्वालिटी असेसमेंट पर मुहर लगायी है. ऑस्ट्रिया में हुए वैश्विक सम्मलेन में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के विशेषज्ञों ने तरीका बताया है. अब एक्सपर्ट्स को दुनिया में छा जाने का मौका मिलेगा.

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Published : Jun 30, 2023, 8:23 PM IST

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एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन

कानपुर: शहर के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के विशेषज्ञों ने शक्कर की गुणवत्ता के परीक्षण का जो तरीका अभी तक अपनाया, उस पर दुनिया के शीर्ष 20 चीनी उत्पादक देशों के वैज्ञानिकों ने अपनी मुहर लगा दी है. यानी वैज्ञानिकों ने मान लिया है कि जो एनएसआई के विशेषज्ञों का काम है, वह सर्वश्रेष्ठ है.

दरअसल, कुछ दिनों पहले ऑसट्रिया में इंटरनेशनल कमीशन फॉर यूनिफॉर्म मेथड ऑफ शुगर ऐनालिसीस (वैश्विक सम्मेलन) का 33वां वार्षिक अधिवेशन हुआ था. उसमें मौजूद वैज्ञानिकों ने चीनी तैयार करने, उसके रंग, सल्फर कंटेंट समेत अन्य मुद्दों पर बात की. सभी ने अपने-अपने तरीके बताये और तर्क भी दिए. मगर, जब कानपुर की बात आई तो सम्मेलन में मौजूद एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन नें बताया कि एनएसआई में पिछले कई सालों से केन शुगर के क्वालिटी असेसमेन्ट पर काम चल रहा है, जो भारत में एक यूनिवर्सल मेथड अपनाया जाता है. कमोबेश उसी मेथड पर एनएसआई में भी काम होता है. फिर क्या था, सभी वैज्ञानिकों ने मान लिया कि एनएसआई का तरीका सबसे अच्छा है.

भारत में चीनी का उत्पादन

एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि इंटरनेशनल कमीशन फॉर यूनिफॉर्म मेथड ऑफ शुगर एनालिसीस (इसका मुख्य कार्यालय जर्मनी में है) द्वारा पिछला अधिवेशन तीन सालों पहले कोरोना के चलते ऑनलाइन हुआ था. उन्होंने कहा कि यह सभी तरह के आयोग की तरह काम करता है. आयोग की रिपोर्ट पर संबंधित संस्थान का प्रोफ़ाइल बेहतर हो जाता है, जिसका लाभ संस्थान के विशेषज्ञों को मिलता है. उन्होंने कहा कि जो कवायद एनएसआई की ओर से की गयी, उस पर जल्द आयोग की रिपोर्ट आएगी और फिर संस्थान के विशेषज्ञों को दुनिया में छा जाने का मौका मिल सकता है.

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