कानपुर: कहते हैं कि कोई काम अगर पूरी शिद्दत से करें तो सफलता जरूर मिलती है. फिर वह काम कितना कठिन ही क्यों न हो. यह पंक्तियां पूरी तरह से चरितार्थ होती हैं कानपुर में काकादेव निवासी सार्थक गुप्ता पर. सार्थक गुप्ता ने आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेल के इंचार्ज रहे व वरिष्ठ प्रो.अमिताभ बंदोपाध्याय के साथ मिलकर एक ऐसा प्लाईवुड तैयार किया है, जो कि पूरे देश में पर्यावरण को लेकर मिसाल बन गया है.
IIT Kanpur: बिना लकड़ी के तैयार किया प्लाईवुड, पर्यावरण के लिए बना मिसाल
IIT Kanpur: कानपुर के सार्थक गुप्ता द्वारा प्लास्टिक को रिसाइकिल करके प्लाईवुड बनाया है. जो पर्यावरण की के लिए मिसाल बन गया है. जिसे मंत्री गिरीराज सिंह ने जमकर सराहा है.
आमतौर पर जब कोई प्लाईवुड तैयार किया जाता है. तो उसके लिए पेड़ों की कटान जरूरी होती है. मगर, सार्थक गुप्ता ने उस प्लास्टिक को रिसाइकिल करके प्लाईवुड बनाया है, जिसे रिसाइकिल करना अभेद्य चुनौती जैसा होता है. इस प्लास्टिक में चिप्स, बिस्किट व पैकेजिंग मैटीरियल के लिए उपयोग की जाने वाली प्लाास्टिक शामिल थी.
कोरोना काल में आया आइडिया, केंद्रीय मंत्री ने सराहाःसार्थक गुप्ता ने बताया कि जब कोविड-19 की पहली लहर देश में आई थी. तो पूरे देश में सब जगह त्राहिमाम की स्थिति थी. उसी समय उनका आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेल में प्रो अमिताभ बंदोपाध्याय जी से संपर्क हुआ. उन्होंने कहा कि सभी स्थानों पर प्लास्टिक बहुत अधिक मात्रा में सामने आ रही है. अगर इससे प्लाइवुड बना सकते हो तो बनाओ. फिर क्या था उसने अपनी टीम के साथ मिलकर प्लास्टिक को एकत्रित करके उसे प्लाइवुड में तब्दील कर दिया. इससे पर्यावरण को दोगुना फायदा पहुंचा. एक तो प्रत्येक जगह हरे पेड़ों की कटान बच गई. दूसरा प्लास्टिक से फैलने वाला प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया. उन्होंने बताया कि अगर हम पेड़ों की लकड़ी से प्लाइवुड तैयार करते हैं, तो 20 शीट तैयार करने के लिए 70 से 80 पेड़ों को काटा जाता है. वहीं, कुछ दिनों पहले शहर आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सार्थक के इस उत्पाद को सराहा था. सार्थक ने अपने उत्पाद का ब्रांड नेम नोवोअर्थ रखा है. वह, आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी से जुड़कर काम कर रहे हैं.
कई राज्यों से मिले आर्डरःसार्थक गुप्ता के उत्पाद को लेकर अभी तक दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों से आर्डर मिल चुके हैं. फिलहाल वह कॉमर्शियल लेवल पर काम कर रहे हैं. आगामी छह माह के अंदर उनका दावा है कि आमजन के लिए यह प्लाईवुड शीट उपलब्ध करा देंगे.
यह भी पढ़ें- Stunting in Kanpur: बिना अनुमति स्टंटबाजी करने पर केस दर्ज, वीडियो वायरल