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लॉयर्स एसोसिएशन के परिणाम घोषित, जानें कौन बना अध्यक्ष और किसे मिला महामंत्री का पद - कानपुर ताजा समाचार

लॉयर्स एसोसिएशन कानपुर का चुनाव परिणाम घोषित हो चुका है. चुनाव परिणाम आने के बाद शैलेंद्र को अध्यक्ष तो राघवेंद्र प्रताप सिंह को महामंत्री बनाया गया है.

लॉयर्स एसोसिएशन के परिणाम
लॉयर्स एसोसिएशन के परिणाम

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Published : Dec 5, 2020, 7:19 AM IST

कानपुर: लॉयर्स एसोसिएशन कानपुर के चुनाव की मतगणना के बाद शैलेंद्र कुमार शुक्ला अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किए गए हैं. वहीं महामंत्री पद पर राघवेंद्र प्रताप सिंह विजयी हुए हैं. एल्डर्स कमेटी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक एसोसिएशन के चुनाव प्रतिवर्ष संपन्न कराए जाते हैं, जिसमें 2020-21 के चुनाव में देवेंद्र सिंह यादव को 137, रविंद्र शर्मा को 699, श्याम नारायण सिंह को 897, वीरेंद्र कुमार सिंह को 93 मत प्राप्त हुए. अध्यक्ष पद पर 30 मतों को अवैध करार दिया गया. वहीं उपेंद्र सचान को 692, अजय प्रकाश अभिनेत्री को 413, प्राण नाथ मिश्र को 36, शरद कुमार शुक्ला को 70, राघवेंद्र प्रताप सिंह को 1328, पीयुष कुमार सिंह को 543 मत प्राप्त हुए. जबकि 28 मत अवैध हुए.

19 नवंबर को हुआ था मतदान, 20 को आना था परिणाम

लॉयर्स एसोसिएशन के लिए मतदान 19 नवंबर को हुआ था और 20 नवंबर को इसका परिणाम आना था. लेकिन 19 नवंबर को ही मतदान 1 घंटे प्रभावित रहा. अधिवक्ताओं के एक धड़े का कहना था कि मतदान में फर्जी वोटिंग की गई है. इसको लेकर अधिवक्ताओं ने बवाल किया था. 1 घंटे तक बूथ नंबर 7 और 8 में मतदान प्रभावित रहा था. वहीं लगातार दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन एल्डर्स कमेटी ने इसके लिए मना कर दिया था. इसके बाद कुछ प्रत्याशी बार काउंसिल ऑफ यूपी भी गए, जहां फैसला एल्डर कमेटी के पक्ष पर दे दिया गया. इसमें कहा गया कि एल्डर्स कमेटी का फैसला ही आखिरी फैसला होगा, जिसके बाद एल्डर्स कमेटी ने एक बार फिर मतगणना कराए जाने का फैसला लिया है.

कई बार टल चुकी है मतगणना

चुनाव की मतगणना कई बार टल चुकी है. बता दें कि पहले 20 तारीख को मतगणना होनी थी, लेकिन 20 तारीख को कुछ प्रत्याशियों के बवाल करने के चलते मतगणना नहीं हो सकी. इसके बाद 23 तारीख को मतगणना होनी थी, लेकिन एक बार फिर बार काउंसिल ऑफ यूपी के हस्तक्षेप के बाद मतगणना रुक गई. वही 30 नवंबर को एक बार फिर मतगणना का निर्णय लिया गया, लेकिन पुलिस फोर्स की अनुपलब्धता के कारण मतगणना नहीं हो सकी. वहीं 4 दिसंबर को चुनाव की मतगणना के परिणाम आने के बाद समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया.

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