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अब आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक होंगे एलर्जी वाले मरीज, चरक संहिता पढ़कर हुआ शोध - आयरन भस्म युक्त इंबो दवा

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज(GSVM Medical College) में चरक संहिता को पढ़कर शोध(Research by reading Charak Samhita) हुआ है. जिसमें परिणाम आया है कि एलर्जिक राइनाटिस में आयरन भस्म युक्त इंबो दवा कारगर है. वहीं, कॉलेज प्राचार्य का कहना है कि एलोपैथी से बेहतर है आयुर्वेद, अस्थमा के मरीजों को अब औषधि देंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 12, 2023, 8:57 PM IST

Updated : Oct 12, 2023, 10:34 PM IST

अब आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक होंगे एलर्जी वाले मरीज

कानपुर:वैसे तो जब किसी बीमारी का सामना शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को करना होता है, तो वह एलोपैथी दवाओं के सहारे ही मरीजों को ठीक करते हैं. लेकिन, पहली बार ऐसा हुआ है, जब यहां के वरिष्ठ चिकित्सकों ने चरक संहिता में वर्णित इंबो दवा, जिसे प्राज्ञा भी कहा जाता था (6वीं शताब्दी में) उसे पढ़कर और जानकारी हासिल करने के बाद एलर्जिक राइनाटिस (श्वांस संबंधी रोग) से पीड़ित मरीजों को देना शुरू किया. जिसमें चिकित्सकों को उसके बेहतर परिणाम मिले है.

जीएसवीएम मेडिकल कालेज आगरा
113 मरीजों को दी गई इंबो दवा : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने डॉ. यशवंत राव व इनकी टीम के अन्य सदस्यों को 22 जुलाई 2022 को एक टास्क सौंपा था. जिसमें तय हुआ था कि 113 मरीजों को आयुर्वेद के सहारे ठीक किया जाएगा. वहीं 110 मरीजों को एलोपैथी दवाएं दी जाएंगी. इसके बाद 113 मरीजों को 20 जड़ी बूटियों व लौहभस्म से तैयार इंबो दवा दी गई. वहीं 110 मरीजों को लिवोसिट्राजिन (2.5 मिग्रा.) व मोंटील्यूकॉस्ट (4 मि.ग्रा.) दी गई. फिर, करीब छह माह बाद देखा गया तो 113 मरीजों को इंबो दवा से जबर्दस्त फायदा हुआ. एलर्जिक राइनाटिस को दवा ने पूरी तरह जड़ से खत्म कर दिया.

वायु प्रदूषण से एक साल में 20 से 30 फीसद बढ़ रहे मरीज:इस शोध को लेकर प्राचार्य डा.संजय काला ने कहा कि आने वाले समय में अब मेडिकल कॉलेज के अंदर आयुर्वेद की दिशा में शोध कराए जाएंगे. अस्थमा व एलर्जिक रोग से पीड़ित मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक करने की कोशिश करेंगे. काला ने बताया कि श्वांस रोग के मरीजों की दिक्कतें वायु प्रदूषण से बढ़ती हैं. साथ ही एक साल के अंदर औसतन 20 से 30 फीसद मरीज बढ़ते हैं. ऐसे में मरीजों को एलोपैथी दवाओं से ठीक करने से अच्छा है कि हम उन्हें आयुर्वेदिक दवाएं दें.

Last Updated : Oct 12, 2023, 10:34 PM IST

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